राजधानी लखनऊ के एरा और इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज कर रहे मरीजों के अंगों की तस्करी सीएम योगी ने दिए जांच के आदेश
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज और एरा मेडिकल कॉलेज पर कोरोना संक्रमित मरीज के अंग निकालकर तस्करी करने का आरोप लगा है। जनसुनवाई पोर्टल पर हुई शिकायत के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को टीम बनाकर जांच करने के आदेश दिए हैं।
चिनहट के पक्का तालाब इलाके में रहने वाले शिव प्रकाश पांडेय ने बताया कि उनके बेटे आदर्श (27) ने 11 सितंबर को कोरोना जांच करवाई। पॉजिटिव आने के बाद उन्हें 15 को इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया। भर्ती रहने के दौरान ही आदर्श ने बहन को वॉट्सऐप कर इलाज में गड़बड़ी और मरीजों के अंग निकालने की आशंका जाहिर की। इस बीच, आदर्श को जरनल वॉर्ड से आईसीयू में शिफ्ट किया गया। 22 सितंबर को उसने बहन को मेसेज कर अस्पताल से तुरंत निकाल लेने को कहा।
22 को ही उसे एरा रेफर कर दिया गया। पिता का आरोप है कि यहां उनके बेटे का फोन भी ले लिया गया। 26 को उन्होंने अस्पताल फोन किया तो बताया गया कि आदर्श की तबीयत ठीक है। लेकिन 15 मिनट बाद ही अस्पताल से फोन आया और बताया गया कि आदर्श की मौत हो गई है। उन्होंने जनसुनवाई पोर्टल पर मामले की शिकायत करते हुए। बेटे के अंग निकाले जाने का आरोप लगाया है।
एरा के प्रिंसिपल एमएमए फरीदी ने कहा कि मरीज गंभीर हालत में आया था। तीन दिन रहा। इलाज में कोई लापरवाही नहीं की गई। सारे दस्तावेज सीएमओ को दे दिए गए हैं। वहीं प्रिंसिपल मेडिकल एमएन सिद्दीकी ने बताया कि मरीज को पहले ही रेफर कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि हमारे यहां मौत ही नहीं हुई तो आरोप कैसा? अंग निकालने का आरोप गलत है।