कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों पर वाटर कैनन का किया गया इस्तेमाल
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा बीते मानसून सत्र में पास किए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए दिल्ली कूच करने वाले किसानों को हरियाणा और दिल्ली की सीमा पर ही रोका जा रहा है.
बुधवार को पुलिस कार्रवाई के दौरान उन पर वाटर कैनन का इस्तेमाल भी किया गया. अब इस पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि शांति पूर्ण प्रदर्शन करने आ रहे किसानों को रोकना नहीं चाहिए था.
केंद्र सरकार के तीनों खेती बिल किसान विरोधी हैं। ये बिल वापिस लेने की बजाय किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है, उन पर वॉटर कैनन चलाई जा रही हैं। किसानों पर ये जुर्म बिलकुल ग़लत है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन उनका संवैधानिक अधिकार है।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 26, 2020
केजरीवाल ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा केंद्र सरकार के तीनों खेती बिल किसान विरोधी हैं. ये बिल वापिस लेने की बजाय किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है, उन पर वॉटर कैनन चलाई जा रही हैं.
#WATCH Police use tear gas shells to disperse farmers who are gathered at Shambhu border, near Ambala (Haryana) to proceed to Delhi to stage a demonstration against the farm laws pic.twitter.com/ER0w4HPg77
— ANI (@ANI) November 26, 2020
किसानों पर ये जुर्म बिलकुल ग़लत है. शांतिपूर्ण प्रदर्शन उनका संवैधानिक अधिकार है.वहीं गुरुवार को कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली जाने के लिए अंबाला (हरियाणा) के पास शंभू बॉर्डर पर इकट्ठा हुए किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे.
गौरतलब है कि बुधवार को हरियाणा पुलिस ने किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोकने के लिए अंबाला और कुरुक्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग पर पानी की बौछारों का भी उपयोग किया. भाजपा शासित हरियाणा ने किसानों के ‘दिल्ली चलो मार्च’ के मद्देनजर पंजाब के साथ अपनी बस सेवा बुधवार से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी है.