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कोरोना संकट के चलते 31 दिसंबर तक भारत में कॉमर्शियल अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की आवाजाही पर रोक

कोरोना संकट के चलते डीजीसीए ने भारत में कॉमर्शियल अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की आवाजाही पर रोक 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है. देश में 31 दिसंबर तक न कोई कॉमर्शियल अंतरराष्ट्रीय उड़ान भारत से बाहर जाएगी और न ही दूसरे देश से आ सकती है. हालांकि, इस दौरान वंदे भारत मिशन के तहत जाने वाली खास उड़ानें जारी रहेंगी. इससे पहले डीजीसीए ने इंटरनेशनल फ्लाइट पर रोक 30 नवंबर तक बढ़ाने का आदेश दिया था.

देश में कोरोना महामारी का संकट अभी जारी है. इस साल 23 मार्च से कॉमर्शियल अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगा हुआ है. तब घरेलू विमान सेवाओं को भी बंद कर दिया गया था. लेकिन 25 मई से घरेलू उड़ानें फिर से शुरू कर दी गई थी.

कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर भारत में 23 मार्च से अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ान सेवाएं निलंबित हैं. मई से ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत और जुलाई से द्विपक्षीय ‘एयर बबल’ व्यवस्था के तहत कुछ देशों के लिए विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाओं का परिचालन हो रहा है. भारत ने करीब 18 देशों के साथ ‘एयर बबल’ समझौता किया है. देश में घरेलू उड़ान सेवा करीब दो महीने तक बंद रहने के बाद 25 मई से दोबारा शुरू की गई थी.

7 मई से वंदे भारत मिशन की शुरुआत किए जाने के बाद से 29 अक्टूबर तक 20 लाख से ज्यादा भारतीय दूसरे देशों से वापस आए हैं. एक अक्टूबर से शुरू मिशन के सातवें चरण के तहत इस महीने के अंत तक 24 देशों से 1057 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन किया गया. इसके तहत 1.95 लाख लोगों के आने का अनुमान है.

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