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लखनऊ : सांस-दिल के मरीजों की संख्या में करीब 20 फीसदी इजाफा

बढ़ता प्रदूषण और सर्दी की वजह से अस्थमा व सांस के साथ दिल के मरीजों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। दिवाली के बाद बलरामपुर और सिविल अस्पताल सहित शहर के अन्य सरकारी व निजी अस्पतालों व डॉक्टरों के यहां 20 से 30 फीसदी मरीजों की संख्या बढ़ गई।

बलरामपुर और सिविल अस्पताल की ओपीडी में सामान्य दिनों के मुकाबले सांस और दिल के मरीजों की संख्या में करीब 20 फीसदी इजाफा हुआ। हालांकि कोरोना के डर से मरीज अस्पतालों में जाने के बजाय निजी डॉक्टरों के यहां जा रहे हैं।

बढ़ते प्रदूषण से फेफड़े खराब हो रहे हैं। प्रदूषण के साथ सर्दी की वजह से अस्थमा और सांस के मरीजों की परेशानी और बढ़ जाती है। बलरामपुर अस्पताल के चेस्ट फिजीशियन डॉ. एके गुप्ता बताते हैं कि दिवाली के बाद मरीजों की संख्या बढ़ गई है। अस्पताल में करीब 125 अस्थमा व सांस के मरीज आ रहे हैं। मरीज दवाएं न बन्द करें। जबकि दिवाली के पहले यह संख्या 100 के भीतर थी। यही हाल सिविल अस्पताल की ओपीडी का है । यहां भी करीब 100 सांस के मरीज आ रहे हैं।

सिविल अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. राजेश श्रीवास्तव बताते हैं कि ओपीडी में अनियंत्रित ब्लड प्रेशर, सांस फूलने और सीने में दर्द वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है। ओपीडी में मरीजों की संख्या 100 से ऊपर पहुंच गई है। बलरामपुर में भी दिल के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। दिल के मरीज दवाएं बन्द न करें। दिक्कत होने पर डॉक्टर की सलाह लें।

डॉ. एके गुप्ता बताते हैं घर से बाहर निकलने वाले हर व्यक्ति को मास्क लगाना चाहिए। मास्क लगाने से कोरोना के साथ प्रदूषण का भी बचाव सम्भव है। डॉ. गुप्ता बताते हैं कि प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार लोगों को कठोर कदम उठाने चाहिए।

लक्षण

घबराहट
लगातार खांसी होना
छाती क्षेत्र में घिसाव
पैर की उंगलियों में सूजन
खराश और सूजन के कारण गले में दर्द
खांसी के साथ खून आना
आवाज में बदलाव।

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