राजधानी लखनऊ : शख्स ने अपने हाथाें से हनुमान जी के 80 हजार स्वरूप बनाये
भगवान के प्रति आस्था और विश्वास किसी की मोहताज नहीं रहती। पान की दुकान चलाकर दो जून की रोटी का इंतजाम करने वाले राजधानी के एक शख्स ने अपने हाथाें से हनुमान जी के 80 हजार स्वरूप बना डाले और अपने घर को ही संग्रहालय बना डाला। इसके चलते 2014 में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, 2015 इंडिया बुक ऑफ रिकाॅर्ड्स और 2016 गोल्डेन बुक वर्ड रिकॉर्ड्स में नाम भी दर्ज कराया है।
चौक के बान वाली गली निवासी केके चौरसिया के हनुमत संग्रहालय में हनुमान जी के 80 हजार स्वरूप हैं। संग्रहालय में आप जिस भी स्वरूप में हनुमान जी की कल्पना करेंगेा वह स्वरूप संग्रहालय में मिलेगा जरूरी।
लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकाॅर्ड्स के साथ ही कई अवार्ड भी संग्रहालय को मिल चुके हैं। घर के एक कमरे में बनाए गए संग्रहालय में प्रतिमाओं और तस्वीरों के साथ ही हनुमान जी के सिक्के भी मौजूद हैं। सोने, चांदी और तांबे के बने सिक्कों में हनुमान जी का स्वरूप श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचता है।
संग्रहालय में 24 घंटे हनुमान चालीसा पाठ के साथ एक दशक से जलने वाली ज्योति कभी बुझती नहीं है। हनुमान जयंती और बड़े मंगल पर भंडारा होता है और हर मंगलवार को सुंदरकांड पाठ के साथ प्रसाद वितरण किया जाता है। आस्था के केंद्र बने इस संग्रहालय में बजरंग बली के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की कतार लगी रहती है। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए श्रद्धालुओं को आने से मना किया गया है। घर से ही फेसबुक और व्हाट्सअप पर शेयर करके दर्शन कराया जा रहा है।