लखनऊ : कार्तिक मास की पूर्णिमा पर मनकामेश्वर मंदिर में मनाई जाएगी देव दीपावली
कार्तिक मास की पूर्णिमा 30 नवंबर को है। देव दीपावली के नाम से मनाई जाने वाली पूर्णिमा इस बार खास होगी। मनकामेश्वर उपवन घाट पर गोबर के दीयों से आरती होगी, तो कुडिय़ाघाट पांच हजार से अधिक दीपकों से रोशन होगा। झूलेलाल घाट पर सुबह उडिय़ा समाज के बोइटो वंदना पर केले के तने की नाव छोड़ी जाएगी, तो गुरुद्वारों में गुरु नानक देव का प्रकाशोत्सव मनाया जाएगा।
मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्या गिरि ने बताया कि गोबर के दीपक जलाकर पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोग को जागरूक किया जाएगा। मंदिर परिसर में दीपक बनाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। श्री शुभ संस्कार समिति के ऋद्धि किशोर गौड़ ने बताया कि हर साल देव दीपावली पर आयोजन होता है।
उडिय़ा समाज के प्रो.डीआर साहू ने बताया कि कोरोना संक्रमण की गाइड लाइन के अनुसार 30 को झूलेलाल घाट बोइटो वंदना होगी। बारिश के बाद पानी में इसी दिन से एक बार फिर से व्यापार शुरू किया जाता है। लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंंह बग्गा ने बताया कि सिखों के पहले गुरु नानक देव का 551वां प्रकाशोत्सव इसी दिन गुरुद्वारों में मनाया जाएगा।
आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि कार्तिक मास की पूर्णिमा 30 नवंबर को है। सूर्योदय के पहले से ही पूर्णिमा तिथि लग जाएगी। रोहिणी और सर्वार्थ सिद्धि होने से पूर्णिमा खास होगी। दान पुण्य का विशेष योग है। इसका सार्थक लाभ मिलेगा। मान्यता है कि भगवान शिव ने त्रिपुर नामक असुर का वध कार्तिक पूर्णिमा को ही किया था और श्री विष्णु जी का मत्स्य अवतार भी इसी दिन को हुआ था। देवताओं ने इसी दिन दीपावली मनाया था, इसलिए इस दिन देव दीपावली मनाई जाती है।