सर्दियों में भी लगाना चाहिए सनस्क्रीन जाने इसके साइड इफ़ेक्ट :-
सनस्क्रीन लगाने से स्किन को धूप की हानिकारक किरणों और उससे होने वाले नुकसान से सुरक्षित रखती है। स्किन केयर प्रॉडक्ट के तौर पर सनस्क्रीन सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किए जानेवाले कॉस्मेटिक्स में से एक है। लेकिन, जहां गर्मियों की तेज़ धूप से बचने के लिए सनस्क्रीन लगाना ज़रूरी हो जाता है। वहीं, कई लोग बरसात या ठंड के मौसम में सनस्क्रीन लगाने से बचते हैं। जैसा कि सर्दियों और बारिश में धूप कम ही लगती है, और इसीलिए लोग इस समय सनस्क्रीन नहीं लगाते। लेकिन, ऐसा करना आपकी स्किन के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है। सनस्क्रीन लगाने और इसके इस्तेमाल से जुड़े कई प्रकार के मिथक हैं, जिनपर लोग अक्सर विश्वास कर लेते हैं। यहां पढ़ें कुछ ऐसे मिथकों के बारे में और जानें उनका सच।
सनस्क्रीन का इस्तेमाल हर मौसम में किया जा सकता है और करना चाहिए। दरअसल, हमारी त्वचा हर मौसम में सूरज की किरणों के सम्पर्क में आती है। ऐसे में अल्ट्रा वायलेट किरणें त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं। सनस्क्रीन लगाने से धूप की इन हानिकारक किरणों से नुकसान से बचा सकते हैं। हर मौसम में सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि हर मौसम में सूरज निकलता है और जब भी शरीर सूरज की रोशनी के संपर्क में आता है तो वह यूवी किरणों के संपर्क में होता है जिससे सनस्क्रीन सुरक्षित रख सकती है।
बहुत से लोग आपको यह तर्क देते नज़र आ जाएंगे कि सनस्क्रीन लगाने से त्वचा का कैंसर होता है। लेकिन, एक्सपर्ट्स के अनुसार यह केवल एक मिथक है। क्योंकि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि, सनस्क्रीन से स्किन कैंसर होता है। हालांकि, विभिन्न स्टडीज़ में इस बात को साबित किया गया है कि, सनस्क्रीन लगाने से सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से त्वचा की रक्षा होती है। यह भी एक मिथक है जिसे कई लोग अक्सर दोहराते रहते हैं कि सांवली या वार्म स्किन टोन के लोगों को सनस्क्रीन लगाने की ज़रूरत नहीं पड़ती। पर यह मिथक पूरी तरह से ग़लत है क्योंकि, सूरज की किरणों से नुकसान हर प्रकार त्वचा वालों को होता है। इसीलिए, हर किसी को सनस्क्रीन लगानी चाहिए।