प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी आज 30 नवम्बर, 2020 को अपने लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र :-
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी आज 30 नवम्बर, 2020 को अपने लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी का भ्रमण करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी प्रधानमंत्री जी के समस्त कार्यक्रमों में सम्मिलित होंगे।
वाराणसी भ्रमण के अवसर पर प्रधानमंत्री जी राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-2 के हण्डिया-राजा तालाब खण्ड का 6-लेन चैड़ीकरण कार्य राष्ट्र को समर्पित करेंगे। वे श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर धाम परियोजना स्थल भी जाएंगे। प्रधानमंत्री जी राजघाट, वाराणसी में आयोजित ‘देव दीपावली’ महोत्सव में सम्मिलित होंगे तथा लेज़र शो भी देखेंगे। प्रधानमंत्री जी सारनाथ पुरातत्व परिसर में लाइट एण्ड साउण्ड शो का अवलोकन भी करेंगे।
हण्डिया-राजा तालाब मार्ग का 6-लेन चैड़ीकरण एक अत्यन्त महत्वपूर्ण परियोजना है, जो दो प्राचीनतम एवं पवित्र नगरों-प्रयाग (प्रयागराज) तथा काशी (वाराणसी) को आपस में जोड़ती है। यह राजमार्ग स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना-1 (दिल्ली-कोलकाता काॅरिडोर) का भी प्रमुख भाग है। पूर्व में, प्रयागराज से वाराणसी के मध्य यात्रा में लगभग साढ़े तीन घण्टे का समय लगता था। इस परियोजना के पूर्ण होने के पश्चात प्रयागराज से वाराणसी के मध्य मात्र डेढ़ घण्टे का समय यात्रा में लगेगा। इस परियोजना की लागत 2,447 करोड़ रुपए है।
ज्ञातव्य है कि अनेक व्यस्तताओं के बावजूद प्रधानमंत्री जी ने वाराणसी के विकास के लिए हमेशा समय निकाला है। अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए प्रधानमंत्री जी सदैव संवेदनशील रहते हैं। कोरोना कालखण्ड में भी उन्होेंने इसी माह वर्चुअल माध्यम से जनपद वाराणसी की 614 करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।
प्रधानमंत्री जी की प्रतिबद्धता के फलस्वरूप काशी की विकास यात्रा निरन्तर आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री जी नियमित तौर पर विकास परियोजनाओं की समीक्षा एवं स्थलीय निरीक्षण करते हैं। विगत लगभग साढ़े 6 वर्षों में 18,000 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं के माध्यम से वाराणसी का विकास कराया गया है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में काशी की पुरातन काया को नया कलेवर देने के लिए अनेक विकास योजनाएं संचालित की जा रही हैं। वाराणसी के समग्र विकास से पूर्वांचल सहित पूर्वी भारत को लाभ हो रहा है।
विगत लगभग साढ़े 6 वर्षों में वाराणसी में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने के लिए अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। वाराणसी पूरे पूर्वांचल के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का हब बन रहा है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के महामना पण्डित मदन मोहन मालवीय कैंसर सेण्टर तथा लहरतारा स्थित होमी भाभा कैंसर हाॅस्पिटल द्वारा जनता को सेवा प्रदान की जा रही है। बी0एच0यू0 में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, 150 शैय्या का सुपर स्पेशियलिटी ई0एस0आई0सी0 अस्पताल बना है। आयुर्वेदिक काॅलेज का निर्माण, जिला महिला चिकित्सालय में 100 शैय्या की मैटरनिटी विंग की स्थापना आदि के कार्य हुए। रामनगर में श्री लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय को उच्चीकृत किया गया है।
वाराणसी सहित पूर्वांचल के किसानों के लिए अनेक सुविधाएं यहां विकसित की गई हैं। इसमें अन्तर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, 4 लाख लीटर दैनिक क्षमता की डेयरी, पेरिशबल कार्गो सेण्टर, कपसेठी में 100 मीट्रिक टन के गोदाम का निर्माण आदि शामिल है। इस वर्ष पहली बार वाराणसी से फल, सब्जियां विदेश निर्यात की गयीं। जनपद वाराणसी में 102 नए गो-आश्रय स्थल स्थापित किए गए।
वाराणसी की कनेक्टिविटी को बेहतर करना केन्द्र व राज्य सरकार की प्राथमिकता रही है। बाबतपुर हवाई अड्डे से नगर को जोड़ने वाला मार्ग वाराणसी की नई पहचान बना है। इसके अलावा, वाराणसी रिंगरोड फेज-1 चैकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर, बलुवा घाटपर गंगा सेतु, गंगा नदी के सामने घाट पर पुल निर्माण, मण्डुवाडीह रेलवे स्टेशन पर फ्लाईओवर का निर्माण, पंचकोसी मार्ग के चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य भी सम्पन्न हुआ। साथ ही, अन्य मार्गों का चैड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण तथा सतह सुधार का कार्य कराया गया।
श्री लाल बहादुर शास्त्री अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर 02 पैसेंजर बोर्डिंग ब्रिज का लोकार्पण होने के बाद यहां सेवाओं का और विस्तार सम्भव हो गया है। 06 वर्ष पहले वाराणसी से प्रतिदिन 12 फ्लाइट्स उपलब्ध थीं। वर्तमान में इससे 04 गुना अधिक फ्लाइट्स संचालित हो रही हैं। वाराणसी में सड़कों का कायाकल्प दिखायी दे रहा है। सड़क के साथ-साथ वाॅटरवेज़ कनेक्टिविटी में भी वाराणसी एक माॅडल के तौर पर विकसित हो रहा है। यहां देश का प्रथम वाॅटर पोर्ट बन चुका है।
पर्यटन एवं सौन्दर्यीकरण कार्याें के अन्तर्गत श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर धाम परियोजना, मान महल में आभासीय संग्रहालय, सारनाथ में लाइट एण्ड साउण्ड शो, सारनाथ आॅडीटोरियम में साज-सज्जा, मारकण्डेय महादेव घाट निर्माण व विभिन्न स्थलों पर प्रकाश व्यवस्था आदि कार्य सम्मिलित हैं। गंगा घाटों की स्वच्छता और सौन्दर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया गया। वाराणसी में ‘नमामि गंगे’ परियोजना के तहत गंगा नदी को स्वच्छ और निर्मल बनाया गया है। गंगा नदी में डाॅल्फिन दिखने लगी है।
विद्युत आपूर्ति एवं सुधार के तहत पुरानी काशी एवं नयी काशी में आई0पी0डी0एस0 योजना के अन्तर्गत अन्डर ग्राउण्ड केबल डालकर, झूलते व जर्जर बिजली तारांे का जाल खत्म किया गया। काशी की गलियों को भी संवारा गया है। छोटी एल0ई0डी0 लाइट की स्थापना से गलियों में बेहतर प्रकाश व्यवस्था हुई है।
उद्योग एवं रोजगार के अन्तर्गत पं0 दीनदयाल हस्तकला संकुल का निर्माण, अटल इन्क्यूबेशन सेण्टर, मालवीय एथिक सेण्टर, मल्टी मोडल टर्मिनल आदि का निर्माण कराया गया। बी0एच0यू0 में वैदिक विज्ञान केन्द्र की स्थापना की गई है। आई0आई0टी0, बी0एच0यू0 में सुपर कम्प्यूटिंग सेण्टर ‘परम शिवाय’ स्थापित किया गया है। इससे नेशनल सुपर कम्प्यूटिंग मिशन को गति मिली हैं।