पीएम मोदी की सुरक्षा में होगी ‘ड्रोन किलर’ की तैनाती,डीआरडीओ ने दिखाई हरी झंडी :-
डिफेंस रिसर्च एंड डिवेपलमेंट आॅर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) ने सेनाओं के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम्स के विकास व उत्पादन की जिम्मेदारी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स को सौंपी है। बताया जा रहा है कि एंटी ड्रोन सिस्टम अब पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा का भी हिस्सा है। आवास के अलावा पोर्टेबल ‘ड्रोन किलर’ उनके काफिले में भी मौजूद रहेंगे। पाक आतंकी जम्मू-कश्मीर में हथियार भेजने के लिए चीन निर्मित कॉमर्शियल ड्रोन्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। डीआरडीओ ने पैसिव व एक्टिव एंट्री ड्रोन टेक्नोलॉजी विकसित की है, जिससे दुश्मन के ड्रोन्स को निष्क्रिय किया जा सकता है या ध्वस्त किया जा सकता है।
जल्द सेना में होगा शाामिल
डीआरडीओ चीफ सतीश रेड्डी जल्द ही देसी एंटी ड्रोन्स सिस्टम के उत्पादन को लेकर सेनाओं को सूचित करेंगे। इस साल गणतंत्रता दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर तैनात किए गए एंटी ड्रोन सिस्टम्स की रेंज 2-3 किमी तक ही है। इसका रडार ड्रोन को ढूंढने के साथ फ्रीक्वेंसी सिग्नल के जरिए यूएवी को जाम कर देता है। दूसरा विकसित विकल्प ड्रोन को स्पॉट करने के बाद लेजर बीम से टारगेट करने का है।
दुश्मन के हवाई खतरों को नाकाम करने में सफल
2019 के बाद से पाक स्थित आतंकवादी समूहों ने पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कई बार ड्रोन उड़ाकर ड्रग और हथियार पहुंचाने की कोशिश की है ताकि राज्य में आतंक को दोबारा जिंदा कर सकें। यही तरीका जम्मू-कश्मीर में भी एलओसी और आईबी पर अपनाया जा रहा है। बाजार में उपलब्ध चाइनीज ड्रोन्स 10 किलो तक हथियार या ड्रग्स ले जा सकते हैं। एक तरफ डीआरडीओ ने सिस्टम डेवलप कर लिया है तो प्राइवेट सेक्टर ने भी सिक्योरिटी एजेंसियों के साथ एंटी ड्रोन सिस्टम डेवलप किया है। सिस्टम को एलओसी पर परखा गया है और यह दुश्मन के हवाई खतरे को नाकाम करने में सफल रहा है।