किसानों ने घेरे में लिया सरकार को अपने आंदोलन से :-
नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का प्रदर्शन रविवार को भी सिंधु बॉर्डर पर जारी रहा। किसानों ने दिल्ली आकर बातचीत का केंद्र का आॅफर ठुकरा दिया है। उन्होंने बैठक में तय किया कि वे बुराड़ी नहीं जाएंगे और वहां मौजूद अपने साथियों को भी वापस बुलाएंगे और पांच पॉइंट्स में दिल्ली की घेराबंदी करेंगे। किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा- सरकार ने यह शर्त रखी थी कि हम हाईवे खाली कर बुराड़ी आएं। लेकिन हम बुराड़ी मैदान में नहीं जाएंगे। यह ओपन जेल है। उन्होंने कहा कि हम बुराड़ी जाने के बजाय सोनीपत, रोहतक के बहत्तर गढ़, जयपुर से दिल्ली हाईवे, मथुरा- आगरा-दिल्ली हाईवे, गाजियाबाद से आने वाला हाईवे जाम करेंगे। हम घिरने नहीं, बल्कि घेरने आए हैं। तय किया गया कि उनके मंच से किसी पार्टी के नेता भाषण नहीं देंगे। किसानों के बदले तेवर देख देर शाम केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर बैठक की।
किसानों की मांगें
कृषि बिल 2020 को वापस लिया जाए या बिल में संशोधन कर एमएसपी पर खरीदी का कानून बनाकर इसे नए बिल में जोड़ा जाए।
किसानों की फसल एमएसपी से नीचे न खरीदी जाए, अगर कोई खरीदता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई में जेल जाने का प्रावधान हो।
कृषि कानून से किसानों को उनका हक मिलेगा
बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं। इन सुधारों से किसानों के बंधन खत्म हुए हैं। कृषि की पढ़ाई कर युवा अपने आसपास के किसानों को उनसे जुड़ी बातें समझाएं। इससे किसानों को फायदा होगा।