मंदी में फंसी इंडियन इकॉनमी को संभाल रहे हैं किसान, छोटे कारोबारी :-
सितंबर तिमाही में कृषि क्षेत्र में 3.4 पर्सेंट की सालाना ग्रोथ और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 0.6% तेजी से इकॉनमी के जल्द रिकवर कर जाने की उम्मीद जगी है। दूसरी तरफ ट्रेड, होटल्स, ट्रांसपोर्ट जैसे सर्विस सेक्टर में अप्रैल-जून के मुकाबले कम संकुचन दिखा है। बंपर फसल के बाद किसान ट्रैक्टर खरीद रहे हैं तो कोरोना की वजह से निजी वाहनों को प्राथमिकता की वजह से कार और मोटरसाइकिलों की बिक्री बढ़ गई है। गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स कलेक्शन में तेजी आई है तो ऊर्जा खपत भी बढ़ गई है।
क्वांटइको रिसर्च की अर्थशास्त्री युविका सिंघल कहती हैं कि रिकवरी आकार ले रही है और अगुआई मैन्युफैक्चिरिंग सेक्टर कर रहा है जो जुलाई तिमाही में प्रलय की स्थिति में था। उन्होंने आगे कहा, ”जीडीपी में 60 फीसदी योगदान सर्विस सेक्टर में जब तक तेजी नहीं आती है, कृषि और विनिर्माण पर ग्रोथ आगे बढ़ाने की उम्मीद है।” युविका ने यह भी कहा कि भारत अभी भी निचले जीडीपी बेस पर बढ़ रहा है और नुकसान की भरपाई के लिए एक साल से अधिक का समय लगेगा।
कोरोना महामारी का असर शहरों के मुकाबले ग्रामीण भारत पर कम रहा। इसके अलावा अच्छी बारिश की वजह से किसानों को काफी फायदा हुआ है। बंपर फसल से किसानों की आमदनी में इजाफा हुआ है।ट्रैक्टर्स की बिक्री बढ़ गई है।
कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए लोग इन दिनों पब्लिक ट्रांसपोर्ट को कम तवज्जो दे रहे हैं। छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में भी लोग निजी वाहनों को प्राथमिकता दे रहे हैं। इससे कारों और मोटरसाइकिलों की बिक्री बढ़ गई है।