अभी भी अटका है डीवीसी के बकाया का मामला, कहीं फिर ना हो जाये सात जिलों में बिजली गुल :-
डीवीसी के बकाया भुगतान का मामला अभी शांत नहीं हुआ है. भले ही केंद्र सरकार ने इसमें हस्तक्षेप किया है, लेकिन अभी भी जेबीवीएनएल बिजली खरीद का पैसा नहीं दे रहा है. पिछले कुछ महीने में इसके राजस्व में इजाफा हुआ है. जुलाई तक डीवीसी का लगभग 5670 करोड़ राज्य सरकार के पास बकाया है. हालांकि ये बकाया पूर्व सरकार के वक्त से है | अक्टूबर के बाद से इसमें और इजाफा हुआ. अक्टूबर में ही केंद्र सरकार ने 1410 करोड़ रुपये राज्य के खाते से काटे. केंद्र सरकार की योजना थी कि डीवीसी के बकाया का अन्य भुगतान भी इसी तरह काटा जायें. इस कटौती के बाद अब भी जेबीवीएनएल का 5470 करोड़ रुपये बकाया है. इसके बाद भी जेबीवीएनएल ने इस मामले में डीवीसी को भुगतान शुरू नहीं किया है. ऊर्जा विभाग की मानें तो बकाया की कटौती केंद्र सरकार करेगी. ये 5670 करोड़ इस साल जुलाई तक का बकाया है. जबकि इसके बाद भी जेबीवीएनएल ने डीवीसी को भुगतान नहीं किया है |
डीवीसी के बकाया भुगतान का मामला राज्य में इस साल फरवरी से चल रहा है. फरवरी के आखिरी दिनों में डीवीसी ने जेबीवीएनएल 4955 करोड़ रुपये बकाया के लिये नोटिस दिया था. इसके बाद डीवीसी ने अपने कमांड एरिया में सात जिलों में 18 से 20 घंटे तक बिजली काटी थी. यह बिजली कटौती लगभग दो सप्ताह तक की गयी.
इसके बाद 14 मार्च को ऊर्जा विभाग, जेबीवीएनएल और डीवीसी अधिकारियों की बैठक हुई थी. जिसमें जेबीवीएनएल की ओर से हर महीने भुगतान पर सहमति बनी. इसके बाद जुलाई में फिर डीवीसी ने 5670 करोड़ के लिये नोटिस भेजा. बता दें कोरोना लॉकडाउन के बाद से जेबीवीएनएल के राजस्व वसूली में कमी देखी जा रही थी. लक्ष्य के अनुसार राजस्व नहीं मिल रहा था. ऐसे में कुछ महीने भुगतान प्रभावित रहा. अक्टूबर से राजस्व में इजाफा देखा जा रहा है | जेबीवीएनएल को अक्टूबर महीने में 330 करोड़ राजस्व की प्राप्ति हुई. राजस्व प्राप्ति बिलिंग कलेक्शन से हुई. जेबीवीएनएल अलग-अलग कंपनियों से पांच सौ करोड़ की बिजली हर महीने लेती है. इसमें से 250 करोड़ रुपये की बिजली डीवीसी से हर महीने ली जाती है. ये भुगतान जेबीवीएनएल राजस्व वसूली से करता है. लेकिन जुलाई के बाद से अक्टूबर तक के बिजली खरीद का भुगतान भी नहीं किया गया है. मार्च में हुए उच्चस्तरीय बैठक के बाद भी जेबीवीएनएल ने भुगतान शुरू नहीं किया था | बता दें डीवीसी राज्य के सात जिलों में बिजली सप्लाई करती है. जो गिरिडीह, चतरा, रामगढ़, बोकारो, धनबाद, कोडरमा और देवघर है. जेबीवीएनएल के एग्जीक्यिूटिव डायरेक्टर केके वर्मा ने बताया कि 5670 करोड़ में से केंद्र ने 1410 करोड़ काटे है. ऐसे में 4260 करोड़ के आस पास बकाया है. जेबीवीएनएल ने अब तक भुगतान शुरू नहीं किया है |