कृषि कानून पर महेश पोद्दार और सुबोधकांत सहाय आमने-सामने, पोद्दार ने कहा-एमएसपी बरकरार, सहाय बोले- सब जुमला :-
दिल्ली में लाखों किसान कृषि कानूनों में बदलाव को लेकर जुटे हैं. पंजाब और दूसरे राज्यों के किसान केंद्र सरकार के नये कानून से सहमति नहीं बना पा रहे हैं. इधर, सोशल मीडिया पर भी कानून के समर्थन और विरोध में दंगल छिड़ा है. सांसद महेश पोद्दार औऱ पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय आमने-सानने हैं. दोनों MSP, मंडी औऱ कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को लेकर अपने-अपने तरीके से जुबानी तीर चला रहे हैं |
महेश पोद्दार कह रहे हैं कि MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) बरकरार है. किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार गंभीर है. वह बातचीत भी करने को तैयार है. जबकि, सुबोधकांत के मुताबिक केंद्र सरकार आय दोगुनी करने का जुमला दे रही है. कृषि क़ानून की आड़ में किसानों की ज़मीन हड़पने का षडयंत्र किया गया है |
ट्विटर पर महेश पोद्दार ने कहा है कि MSP देने की शुरुआत कोई कानून बनाकर नहीं हुई थी. इसी तरह से इसे खत्म करने का भी कोई कानून नहीं बनाया गया है. दिल्ली में हड़ताल पर बैठे पंजाबी किसानों को लक्ष्य करते उन्होंने बतलाया है कि पंजाबी किसानों को MSP का भरपूर लाभ भी मिला है. MSP पर रिकॉर्ड सबसे ज्यादा खरीद पंजाब में ही हुई है. इसके बाबजूद नये कृषि कानून के विरोधी भी वहीं से हैं. कुछ तो गड़बड़ है |
पोद्दार ने किसान हित के मामले पर झारखंड सरकार की मंशा पर सवाल उठाये हैं. ताज्जुब जताते हुए कहा है कि झारखंड की हेमंत सरकार ने सत्ता में आते ही किसानों को हतोत्साहित किया. किसानों को प्रति एकड़ 5 हजार की मदद मिल रही थी. इसे रोक दिया गया. यही सरकार अभी किसानों के लिए टेसुए बहा रही है. सुबोधकांत सहाय ने ट्वीटर पर कहा है कि केंद्र सरकार किसानों की आय दोगुनी करने का जुमला दे रही है. नये कृषि क़ानून की आड़ में किसानों की ज़मीन हड़पे जाने की तैयारी है. इस षडयंत्र को हम खेती-किसानी करनेवाले अच्छे से समझते हैं. हम अपने किसान भाइयों के साथ हमेशा की तरह संघर्षरत हैं बगैर संघर्ष किये एमएसपी, मंडी और कृषि की सुरक्षा करनेवाली संरचना नहीं बच सकेगी |