AIIMS की अपनी कोवैक्सीन के तीसरे चरण के परिक्षण में एक हज़ार से ज्यादा लोगों को करने जा रही पंजीकृत
आल इंडिया मेडिकल इंस्टिट्यूट (AIIMS) की अपनी कोवैक्सीन के तीसरे चरण के परिक्षण में एक हज़ार से ज्यादा लोगों को पंजीकृत करने जा रही है. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, कोवैक्सीन के परीक्षण के लिए अब तक चालीस से पचास वालंटियर्स का पंजीकरण हो चुका है, जिन्हे वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है.
दिसंबर का महीना आते आते स्लो एंड स्टीडी विंस दी रेस के नियम का पालन करते हुए कोवैक्सीन अपनी सफलता के बेहद पास पहुंच गई है. भारत में बन रही कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन का परीक्षण अब थर्ड फेज में पहुंच गया है. तृतीय चरण में ही यह नतीजा सामने आया है कि कोरोना वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट नहीं है. ये साहसिक कार्य करके दिखाया था AIIMS की महिला चिकित्सक ने. कोवैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण के लिए इस देसी वैक्सीन की पहली खुराक एम्स की डॉक्टर को दी गई थी. एक सप्ताह के बाद अब महिला डॉक्टर ने इस वैक्सीन के बारे में बताया है कि इसका कोई साइड इफेक्ट नज़र नहीं आया है.
कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल्स के दौरान पहली खुराक लेने वाली ये महिला डॉक्टर हैं डॉ. एमवी पद्मा श्रीवास्तव. डॉ. पद्मा दिल्ली के AIIMS के न्यूरोसाइंसेज डिपार्टमेंट की हेड हैं. डॉ. एमवी पद्मा श्रीवास्तव ने कोवैक्सीन को लेकर खुशखबरी देने के साथ ही ये भी कहा कि अब भारत में सभी को वैक्सीन मुहैया हो सके, इस हेतु सस्ती वैक्सीन बनाने की दिशा में भी कार्य चल रहा है.