नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के चलते रेलवे ने रद्द की कई ट्रेनें
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 7 दिनों से पंजाब-हरियाणा से आए किसानों का दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन जारी है. किसानों के इस विरोध-प्रदर्शन का असर ट्रेन सेवाओं पर भी पड़ रहा है. बता दें कि उत्तरी रेलवे ने अमृतसर और पंजाब के कई प्रमुख स्थलों के बीच चलने वाली कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है. कुछ ट्रेनों को शार्ट टर्मिनेट, शॉर्ट ओरिजिनेट और कुछ का रूट डायवर्ट किया गया है.
वहीं उत्तरी रेलवे के मुताबिक 2 दिसंबर से शुरू होने वाले अजमेर-अमृतसर एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन (09613) को रद्द रखने का फैसला किया गया है. तीन दिसंबर से शुरू होने जा रही अमृतसर- अजमेर स्पेशल ट्रेन (09612) को भी रद्द कर दिया है. इनके अलावा, 3 दिसंबर से शुरू होने जा रही 05211 डिब्रूगढ़-अमृतसर एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन भी कैंसल कर दी गई है. साथ ही 3 दिसंबर से शुरू होने वाली 05212 अमृतसर-डिब्रूगढ़ स्पेशल ट्रेन भी रद्द कर दी गई है.
बता दें कि 04998/04997 भटिंडा-वाराणसी-भटिंडा एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन भी अगले आदेश तक कैंसिल कर दी गई हैं. वहीं 2 दिसंबर यानी आज 02715 नांदेड- अमृतसर एक्सप्रेस ट्रेन को नई दिल्ली में शॉर्ट टर्मिनेट किया गया है. इसके अलावा 02925 को आज खुलने जा रही बांद्र टर्मिनस-अमृतसर एक्सप्रेस ट्रेन चंडीगढ़ में शॉर्ट टर्मिनेट की जाएगी.
वहीं दो दिसंबर से खुलने जा रही 04650/74 अमृतसर-जयनगर एक्सप्रेस को अमृतसर तरनतारन- ब्यास के रास्ते डायवर्ट किया गया है. 08215 दुर्ग-जम्मू तवी एक्सप्रेस को लुधियाना जलंधर कैंट-पठानकोट छावनी के रास्ते डायवर्ट किया गया है. इनके अलावा 4 दिसंबर को चलने वाली ट्रेन 08216 जम्मू तवी-दुर्ग एक्सप्रेस को पठानकोट कैंट-जालंधर कैंट-लुधियाना के रूट पर डायवर्ट किया गया है.
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने कहा कि परिचालन को पिछले दो महीनों के लिए निलंबित कर दिया गया था और 32 किलोमीटर की दूरी को छोड़कर प्रमुख मार्गों पर ट्रेन सेवाओं को सामान्य कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि 23 नवंबर और 30 नवंबर के बीच 94 यात्री रेलगाड़ियों ने पंजाब में प्रवेश किया,
जबकि 78 राज्य से बाहर गई हैं. साथ ही 384 माल से लदी हुई और 273 खाली रेलगाड़ियां राज्य में प्रेवश कर चुकी हैं जबकि 373 माल से लदी हुई और 221 खाली मालगाड़ियां राज्य से बाहर गई हैं. बता दें कि रेलवे ने इससे पहले बताया था कि रेल सेवाओं में बाधित होने की वजह से उसे 2,220 करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ है.
वहीं सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच मंगलवार को हुई बैठक आम सहमति तक पहुंचने में विफल रही, जिसके बाद किसानों का विरोध प्रदर्शन और तेज हो गया है.