राजधानी दिल्ली में कोरोना के कहर के साथ आया मलेरिया का कहर
देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के कहर के बीच मलेरिया से मौत का पहला मामला सामने आया है. मंगलवार को मलेरिया से कई सालों के बाद पहली मौत रिकॉर्ड की गई. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, मदनपुर खादर के जेजे कॉलोनी के रहने वाले एक छह साल के बच्चे की मलेरिया से मौत हुई है.
इस बच्चे की मौत सितंबर में हुई थी. मौत के कारण को पता करने के लिए राज्य सरकार और नगर निगम ने डेथ रिव्यू कमेटी का गठन किया था. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, बच्चे की मौत का कारण मलेरिया है. इसे दिमागी बुखार भी कहते हैं. अगर बच्चे को इलाज के लिए पहले भर्ती कराया जाता तो वह बच जाता.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि इससे पहले सितंबर 2016 में मंडावली के रहने वाले एक शख्स की सफदरगंज हॉस्पिटल में मौत हो गई थी. पिछले पांच साल से दिल्ली में मलेरिया से कोई भी मौत नहीं हुई थी. नगर निगम के मुताबिक, इस साल मलेरिया के 223 मामले सामने आए हैं. पिछले एक हफ्ते में मलेरिया का कोई भी मामला सामने नहीं आया है.
हालांकि, पिछले एक हफ्ते में डेंगू के 49 नए मामले सामने आए हैं और इस साल कुल मरीजों का आंकड़ा 950 हो गया है. जेजे कॉलोनी में मलेरिया से बच्चे की मौत के बाद नगर निगम ने अभियान चलाया. इस दौरान और कोई भी संक्रमित नहीं मिला. नगर निगम का कहना है कि परिवार उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में गया था, इस दौरान ही बच्चा बुखार की चपेट में आया था.
कोरोना के कारण नगर निगम के अधिकतर हॉस्पिटल में जगह नहीं है. इस वजह से मलेरिया के नए मामले सामने आने से नगर निगम के सामने दोहरी चुनौती पैदा हो गई है.