भीमताल ब्लाॅक के साथ ही ओखलकांडा ब्लाॅक व चम्पावत जिले के रीठासाहिब इलाके को जोडऩे वाली काठगोदाम-हैड़ाखान रोड के मुरकुडिय़ा में डामरीकरण नहीं होने से जनाक्रोश पनपने लगा है। अब हैड़ाखान क्षेत्र ने डामरीकरण के लिए संघर्ष शुरू करने की तैयारी कर दी है। जल्द ही जनप्रतिनिधि व ग्रामीण इस मद्दे पर बैठक कर आंदोलन की रूपरेखा तय करने जा रहे हैं।
काठगोदाम-हैड़ाखान रोड के खनस्यूं में मिलने से ओखलकांडा व रीठासाहिब ब्लाक तक के हजारों गांवों के लोगों को फायदा मिलने लगा। हल्द्वानी के दोनों ब्लाक की दूरी 60 किमी घट चुकी है। वहीं इस साल फरवरी माह में बरसात से सड़क हैड़ाखान के समीप मुरकुडिय़ा में ढह गयी थी। इससे सैकड़ों गांवों के हजारों ग्रामीणों पर असर पड़ा। अब उन्हें हल्द्वानी के लिए धानाचूली होते हुए 60 किमी अतिरिक्त दूरी व समय तय करना पड़ रहा था। लोगों की समस्या को देखते हुए विधायक राम सिंह कैड़ा ने पहल करते हुए मुरकुडिय़ा गांव के दूसरी ओर से नई दो किमी सड़क का निर्माण कराया।
इसके लिए ग्रामीणों ने भी आगे आकर जमीन दान दी। अगस्त महीने में मार्ग तो बन गया है, लेकिन अब तक इस पर डामरीकरण नहीं हो पाया है। इससे लोगों को ये दूरी उबड़-खाबड़ मार्ग से गुजरकर तय करनी पड़ है। इसके साथ ही हादसे का खतरा भी बना हुआ है। जमरानी बांध संघर्ष समिति के अध्यक्ष नवीन पलडिय़ा ने बताया कि सड़क कटे कई माह होने के बावजूद डामरीकरण नहीं कराया गया है। सड़क पर डामरीकरण को लेकर जल्द ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों की सामूहिक बैठक की जाएगी और प्रशासन व लोनिवि को मांग पत्र भेजा जाएगा। इसके बाद भी डामरीकरण शुरू नहीं हुआ तो जनांदोलन शुरू किया जाएगा।
सड़क निर्माण को लेकर गरमायी थी राजनीति
मुरकुडिय़ा में सड़क ढहने के बाद इसके पुनर्निर्माण को लेकर जमकर राजनीति भी गरमायी थी। पूर्व विधायक दान सिंह भंडारी व उनके समर्थक पूर्व के स्थान पर ही पहाड़ी काटकर सड़क बनाने के लिए अड़े थे। हालांकि लोनिवि व भूवैज्ञानिकों ने सर्वे कर पहाड़ी काटकर पुराने स्थान से सड़क बनाने पर खतरे का अंदेशा जताया। इसके बावजूद लोगों ने खुद पहाड़ी काटकर सड़क बना दी। हालांकि सड़क बनने के बाद ही ढह गयी। इसके बाद विधायक राम सिंह कैड़ा ने विधायक निधि से गांव के दूसरी ओर से दो किमी नई सड़क का निर्माण करवाया।