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भारत में मलेरिया से मौतों के मामले में सबसे ज्यादा कमी :-

भारत मलेरिया से लड़ाई में सबसे बेहतर स्थिति में है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में वर्ष 2000 में मलेरिया के दो करोड़ मामले आए थे जो 2019 में घटकर 56 लाख रह गया है। डब्ल्यूएचओ ने सोमवार को मलेरिया रिपोर्ट 2020 को जारी किया। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2019 में दुनियाभर में 22.9 करोड़ मामले सामने आए। पिछले चार वर्षों में इसमें कोई खास बदलाव नहीं आया है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में 4,11000 मौतें हुईं थी जो 2019 में घटकर 4,0,9000 हो गई। दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में मलेरिया के मामलों में 73 और मौतों में 74 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। भारत में मलेरिया के मामले में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज हुई है। ये आंकड़ा दो करोड़ से घटकर 60 लाख हो गया है। भारत में पिछले दो सालों में मलेरिया के मामलों में 18 जबकि मौतों में 20 फीसदी की कमी आंकी गई है। भारत में वर्ष 2000 से 2019 के बीच मलेरिया से होने वाली मौतों में भी कमी दर्ज की गई है। दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्रों में मलेरिया के दुनियाभर के तीन फीसदी मामलों का भार है।

Malaria: Know Unknown Facts About Malaria And Cause Of Malaria| मलेरिया से  होने वाली मौतों में भारत चौथे स्थान पर

भारत में अभी भी 88 फीसदी मामले
डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्रों में मलेरिया से मौतों में 74 फीसदी की कमी आई है। वर्ष 2000 में मौतों का आंकड़ा 35 हजार था जो 2019 में घटकर 9,000 हो गया है। हालांकि इस क्षेत्र में सबसे अधिक भारत में मलेरिया के 88 फीसदी मामले और 86 फीसदी मौतें दर्ज हो रही हैं।

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