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किसान नेताओं की सरकार के साथ बैठक हुई शुरू इन सभी मांगो के साथ हो रही बैठक

कृषि कानून के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन आठवें दिन भी जारी है। आज दोपहर 12 बजे किसान नेताओं की मोदी सरकार के मंत्रियों के साथ बैठक होगी। इस बैठक के परिणामों से तय होगा कि किसान आंदोलन यहीं खत्म हो जाएगा या आगे और तेज होगा। किसान आंदोलन से जुड़ी हर जानकारी |

किसानों के साथ सरकार की बैठक शुरु, अंदर से आई ये अहम खबर

किसानों के साथ बैठक के लिए कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर घर से निकले।
-कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी।
-केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोमप्रकाश का बड़ा बयान, न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर सरकार बहुत स्पष्ट है, MSP था, है और रहेगा। इसमें किसी को कोई शंका नहीं होनी चाहिए। सरकार प्रतिबद्ध है, लिखकर देने के लिए तैयार। कुछ ही देर में अमित शाह और अ‍मरिंदर सिंह की मुलाकात, किसान नेता भी बैठक के लिए रवाना

-बैठक में शामिल होने सभी 35 नेता एक साथ बस में निकले। किसान नेताओं का बड़ा आरोप, सरकार किसानों को बांटने की साजिश रच रही है। वह किसानों से अलग-अलग बैठक कर उन्हें बांटना चाहती है। किसानों ने फैसला लिया कि सरकार से अब अलग-अलग नहीं, एक साथ मीटिंग करेंगे।
-किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी पंजाब के संयुक्त सचिव सु​खविंदर सिंह का बड़ा बयान, पूरे देश के 507 संगठन हैं, मोदी जी सबको क्यों नहीं बुलाते? केंद्र सरकार पूरे देश के संगठनों को बांट रही है उनमें फूट डालने की कोशिश कर रही है। ये लड़ाई पूरे देश के किसानों की है। हम बैठक में नहीं जाएंगे। 32 किसान नेता सुबह 10 बजे बस में बैठकर विज्ञान भवन के लिए रवाना होंगे।
-सभी किसान संगठन 3 कृषि कानून को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं। वहीं सरकार बीच का रास्त निकालने की कोशिश कर रही है।

दोपहर 12 बजे शुरू होगी किसान नेताओं की केंद्रीय मंत्रियों राजनाथ सिंह, पीयूष गोयल और नरेंद्र सिंह तोमर के साथ बैठक।
-इससे पहले मंगलवार को दोनों पक्षों के बीच वार्ता बेनतीजा रही थी। क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा कि सरकार तीनों कानूनों को खत्म करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाए। अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो 5 दिसंबर को मोदी सरकार और कॉरपोरेट घराने के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन किए जाएंगे।
-कृषि विशेषज्ञ-पत्रकार पी साईनाथ ने कहा कि यह समय है जब समाज के गैर कृषि वर्ग को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ शामिल होना चाहिए।

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