शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में सीएम योगी पर आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल :-
प्रदेश में फिल्म सिटी बनाने को लेकर शिवसेना और योगी सरकार के बीच तकरार जारी है। शिवसेना की ओर से बयानबाजी के बाद प्रदेश सरकार के नेता भी जवाबी हमला बोल रहे हैं। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने गुरुवार को पलटवार करते हुए शिवसेना को उंगली नहीं उठाने की नसीहत दी है।
सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी के मुम्बई दौरे के बाद उद्धव ठाकरे की नींद उड़ गई है। उन्होंने सामना सम्पादकीय का उपयोग करते हुए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया है, जिसकी हम निंदा करते हैं। यह उनकी पार्टी की संस्कृति हो सकती है। बॉलीवुड के लोगों द्वारा खुले दिल से हमारा स्वागत किया गया।
सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि शिवसेना को दूसरों पर उंगली नहीं उठानी चाहिए। उन्हें पहली बात बॉलीवुड के साथ अपनी संस्कृति को सुधारना चाहिए। यदि वे कुछ रखना चाहते हैं, तो उन्हें इसे रखना चाहिए, कोई भी इसे दूर नहीं करना चाहता है। यह सब प्रतियोगिता को लेकर है।
दरअसल शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में कहा गया है, ‘उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल से साधु-महात्मा हैं। इन साधु-महात्मा का मुम्बई मायानगरी में आगमन हुआ और वे समुद्र तट पर स्थित ‘ओबेरॉय ट्राइडेंट’ मठ में ठहरे हैं। साधु महाराज का मायानगरी में आने का मूल मकसद ऐसा है कि मुम्बई की फिल्म सिटी को उत्तर प्रदेश ले जाया जाए। हम महाराष्ट्र से कुछ भी ले जाने नहीं देंगे। किसी के बाप की हिम्मत नहीं है वो फिल्म सिटी ले जाए।’
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को फिल्म सिटी को लेकर मुम्बई में मीडिया से बातचीत में साफ कहा कि हम किसी चीज को लेने नहीं आए हैं। हम एक नई चीज बना रहे हैं। वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर दे रहे हैं। हर व्यक्ति को बड़ा बनना पड़ेगा, बड़ा बड़ी सोच पैदा करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि यह एक खुली प्रतिस्पर्धा है। बेहतर सुविधाएं देनी पड़ेंगी, जो दे पाएगा, लोग वहां जाएंगे।
उन्होंने कहा कि न हम लोग किसी के निवेश को झटक रहें और ना ही किसी के विकास को बाधित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में फिल्म सिटी के निर्माण के लिए इस क्षेत्र के विशेषज्ञ, दिग्गजों के अनुभव का लाभ लेना, उनके सुझाव के माध्यम से उस प्रकार की सुविधा देने के लिए हम लोगों ने यहां संवाद दिया, जिससे केवल एक क्षेत्र को ध्यान में न रखकर बल्कि वर्ल्ड क्लास फिल्म सिटी बनायी जा सके।