डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर cm योगी आदित्यनाथ ने उन्हें दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व दोनों उपमुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. दिनेश शर्मा ने देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती पर उन्हे अपनी श्रद्धांजलि दी है।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को ट्वीट किया कि स्वाधीनता संग्राम सेनानी एवं स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति, ‘भारत रत्न’ डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जी की जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन। राष्ट्र निर्माण और मां भारती की सेवा में समर्पित उनका जीवन देश के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है और सभी देशवासियों के लिए प्रेरणास्रोत है।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख क्रांतिकारी एवं भारतीय संविधान के निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले भारत के प्रथम राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन।
उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने ट्वीट किया कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति ‘भारत रत्न’ से सम्मानित डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी को उनकी जयंती पर सादर नमन। भारत के संविधान निर्माण में उनका योगदान, सादगी, सेवा, सिद्धांत, त्याग, देशभक्ति एवं समर्पण सदैव अनुकरणीय रहेगा।
डॉ राजेंद्र प्रसाद का जन्म बिहार के जीरादेई में 3 दिसम्बर 1884 को हुआ था। उनके पिता का नाम महादेव सहाय तथा माता का नाम कमलेश्वरी देवी था। राजेन्द्र बाबू बचपन से ही पढ़ाई में तेज थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा छपरा के जिला स्कूल से हुई थी।
मात्र 18 वर्ष की उम्र में उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा प्रथम स्थान से पास की और फिर कोलकाता के प्रसिद्ध प्रेसीडेंसी कॉलेज में दाखिला लेकर लॉ के क्षेत्र में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की। लॉ करने के बाद वह एक बड़े वकील के रूप में प्रैक्टिस करते रहे।
वह भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थे। उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में भी अपना अहम योगदान दिया था। आजादी के बाद 26 जनवरी 1950 को भारत को गणतंत्र राष्ट्र का दर्जा मिलने के साथ राजेंद्र प्रसाद देश के प्रथम राष्ट्रपति बने। 1957 में वह दोबारा राष्ट्रपति चुने गए। राजेंद्र प्रसाद एकमात्र नेता रहे, जिन्हें दो बार राष्ट्रपति के लिए चुना गया।