भारत के वीर योद्धाओं ने कंधे पर रखकर दागी ‘इग्ला मिसाइल’, जानिए इसकी ताकत के बारे में :-
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लगातार मिसाइल परीक्षणों के क्रम में भारतीय वायुसेना ने सतह से हवा में मार करने वाली इग्ला मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह ऐसी रूसी मिसाइल है जिसे सैनिक अपने कंधे पर ही लेकर चल सकते हैं, यानी हर जवान को एक-एक मिसाइलों के साथ तैनात किया जा सकता है। इग्ला नाम की यह मिसाइल हेलीकॉप्टर और फाइटर हेलीकॉप्टर तक को ढेर करने की क्षमता रखती है। इसलिए इनका इस्तेमाल वायुसेना और थल सेना दोनों ही करती हैं। सतह से हवा में यह मिसाइल उस वक्त इस्तेमाल की जाती है जब दुश्मन किसी भी तरह से हमारे एयरस्पेस में घुसने की कोशिश करता है।
आंध्र प्रदेश के सूर्यलंका में भारतीय वायुसेना स्टेशन पर स्वदेशी आकाश और रूसी इग्ला मिसाइलों का परीक्षण बड़े पैमाने पर किया गया। यह हवाई अभ्यास 23 नवम्बर से बुधवार तक वायु सेना के उपाध्यक्ष एयर मार्शल एचएस अरोड़ा की मौजूदगी में किये गए। एयर मार्शल अरोड़ा ने 01 दिसम्बर को एयरफोर्स स्टेशन सूर्यलंका में कंबाइंड गाइडेड वेपंस फायरिंग-2020 के एक हिस्से के रूप में सर्फेस टू एयर गाइडेड वेपन फायरिंग देखी।
वायु योद्धाओं को संबोधित करते हुए एचएस अरोड़ा ने वायुसेना की प्रशंसा करते हुए कहा कि कोविड महामारी के बीच सावधानी के साथ इस अभ्यास का आयोजन किया गया। इसके साथ ही उन्होंने सभी वायु सेना के जवानों से किसी भी उभरते परिचालन परिदृश्य के लिए संयुक्त गाइडेड हथियार फायरिंग में लिए गए अनुभवों को अपने सैन्य जीवन में लागू करने के लिए तैयार रहने का आग्रह किया।
पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम तैनात
पूर्वी लद्दाख में चीन सीमा पर भारतीय सेना ने पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम तैनात करके अपने जवानों को इग्ला मिसाइल थमा दी हैं। यह मिसाइल उस समय काम आती हैं जब दुश्मन किसी भी तरह से हमारे एयरस्पेस में घुसने की कोशिश करता है। इस मिसाइल को कोई भी जवान कंधे पर ही लेकर चल सकता है और कंधे पर ही रखकर वार भी कर सकता है। यह मिसाइल हेलीकॉप्टर और फाइटर हेलीकॉप्टर तक को ढेर कर सकती हैं। इग्ला मिसाइल के तैनात किये जाने से दुश्मनों को भारतीय एयरस्पेस में आने से रोका जा सकेगा। इनका इस्तेमाल वायुसेना और थल सेना दोनों ही करती हैं। यानी अब दुश्मन का कोई भी विमान या ड्रोन अगर भारतीय सीमा में घुसता है तो थल सेना के सैनिक जमीन से ही इग्ला मिसाइलों के जरिये उन्हें ढेर करके नीचे गिरा सकते हैं।
भारत पहले भी कर चुका है इस्तेमाल
जमीन से हवा में मार करने वाली इस पोर्टेबल मिसाइल इग्ला का इस्तेमाल भारत 28 जुलाई से 2 अगस्त, 1992 के बीच कर चुका है। उस समय एक बड़ी पाकिस्तानी टीम ने जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना की चुलुंग पोस्ट पर हमला किया था। इस अग्रिम चौकी को बचाने के लिये भारत ने ऑपरेशन त्रिशूल शक्ति शुरू किया था। 1 अगस्त 1992 को भारत ने इग्ला मिसाइल से पाकिस्तानी हेलीकॉप्टरों पर हमला किया था, जिसमें पाकिस्तान के फोर्स कमांडर मसूद नविद अनवरी और कई अन्य पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। इसके बाद पाकिस्तानी सेना की तरफ से हमला रुक गया था।