सुप्रीम कोर्ट ने म्यूचुअल फंड से इन स्कीम्स से पैसे निकालने पर लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड से एक हफ्ते के अंदर 6 बंद की गई स्कीम्स के निवेशकों की मंजूरी लेने के लिए उनकी बैठक बुलाने के आदेश दिए हैं. बता दें कि कोर्ट ने इन स्कीम्स से पैसे निकालने पर फिलहाल रोक लगा दी है,
जिसके चलते अब निवेशक पैसा नहीं निकाल पाएंगे. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि अगले आदेश तक निवेशक यूनिट्स को बेच नहीं सकेंगे. कोर्ट के इस आदेश के बाद फ्रैंकलिन टेम्पल्टन म्यूचुअल फंड के निवेशकों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की पीठ फ्रैंकलिन टेम्पलटन की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी. याचिका पर मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि यह बड़ा मसला है और लोग अपना पैसा वापस चाहते हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी पक्ष के साथ भेदभाव किए बिना ट्रस्टियों को यूनिटधारकों की बैठक बुलाने की इजाजत दी जाती है, ताकि इस फैसले पर उनकी सहमति ली जा सके और इस संबंध में एक हफ्ते के अंदर कदम उठाए जाएं. मामले की सुनवाई अगले सप्ताह होगी.
इससे पहले कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 24 अक्टूबर को कहा था कि फ्रैंकलिन टेम्पलटन ट्रस्टी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के छह योजनाओं को बंद करने का फैसला तब तक लागू नहीं किया जा सकता है, जब तक कि यूनिटधारकों की सहमति नहीं मिल जाती. फ्रेंकलिन ने कोरोना वायरस महामारी के चलते निकासी दबाव और बांड बाजार में तरलता की कमी का हवाला देकर इन योजनाओं को अप्रैल, 2020 में बंद कर दिया था.
बंद होने वाले छह फंड हैं – फ्रैंकलिन इंडिया लो ड्यूरेशन फंड, फ्रैंकलिन इंडिया डायनेमिक एक्यूरल फंड, फ्रैंकलिन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड, फ्रैंकलिन इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम प्लान, फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शॉर्ट बॉन्ड फंड और फ्रैंकलिन इंडिया इनकम अपॉर्चुनिटीज फंड. इन योजनाओं के तहत कुल 25,000 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों का प्रबंधन किया जाता था.