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लगभग 7 घंटे चली सरकार और किसानों के बीच बातचीत जाने 5 बड़ी बातें

कृषि कानूनों के विरोध आंदोलनरत किसानों के साथ केंद्र सरकार की चौथे राउंड की बैठक करीब आठ घंटे के बाद खत्‍म हुई है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि बातचीत सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में हुई.उन्‍होंने कहा कि किसानों और सरकार ने अपना-अपना पक्ष रखा है. कृषि मंत्री ने कहा कि दो-तीन बिंदुओं पर किसानों की चिंता थी

हम हर मुद्दे पर खुले मन से बात कर रहे हैं, हमारा कोई अहम नहीं है. APMS को सशक्‍त बनाने पर विचार हुआ. उन्‍होंने कहा कि न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य के बारे में किसानों की चिंता है. यह पहले भी जारी था, जारी है और आगे भी रहेगा. उन्‍होंने कहा कि परसों यानी 5 दिसंबर को दोपहर को दोनों पक्षों की फिर बातचीत हुई है और उम्‍मीद है कि हम किसी सर्वसम्‍मत समाधान पर पहुंचेंगे. कृषि मंत्री पीयूष गोयल भी इस बैठक में सरकार की ओर से उपस्थित थे.

सरकार और किसानों के बीच 7 घंटे से अधिक चली बातचीत फिर रही बेनतीजा, अगली  बैठक 5 दिसंबर को - uttamhindu

जाने कुछ अहम् बाते। ..

1 -बैठक के पहले किसानों ने कहा कि केवल न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य को कानूनी स्‍वरूप देने से उनका मकसद हल नहीं होगा. वे तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने से कम किसी भी बात के लिए तैयार नहीं हैं.

2 -पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने किसान आंदोलन के समर्थन और उनपर किए गए सांप्रदायिक कटाक्षों के विरोध में अपना प्रतिष्ठित पद्म विभूषण अवॉर्ड लौटा दिया है. उन्होंने इसके लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है.

3 -किसान संगठनों की सरकार के साथ बैठक में किसानों ने सरकार की ओर से दिए गए लंच के ऑफर को मना कर दिया और अपने साथ लाया गया खाना ही खाया है. किसानों ने बताया कि अभी लंच ब्रेक हुआ है. सरकार ने उन्हें खाने का ऑफर दिया था लेकिन उन्होंने मना कर दिया और अपने साथ ले जाए गए लंगर के खाने को ही खाया.

सरकार और किसानों के बीच 7 घंटे से अधिक चली बातचीत फिर रही बेनतीजा, अगली  बैठक 5 दिसंबर को - uttamhindu

4 -अमरिंदर सिंह ने अमित शाह के साथ आज मीटिंग खत्म करने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि ‘केंद्र सरकार और किसानों के बीच में बातचीत चल रही है, इसमें मेरी ओर से कुछ हल करने जैसा नहीं है. मैंने गृहमंत्री के साथ अपनी मीटिंग में अपना पक्ष रखा और कहा कि इस मुद्दे का जल्द से जल्द हल निकालें क्योंकि इससे एक तो अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है, वहीं इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरा है.

5 -मंगलवार की बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों से कहा थाकि 4 से 5 नाम अपने संगठन से दें. एक समिति बना देते है जिसमें सरकार के लोग भी होंगे, कृषि एक्सपर्ट भी होंगे, नए कृषि कानून पर चर्चा करेंगे. किसानों ने सरकार के इस प्रस्‍ताव को ठुकरा दिया था.

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