Main Slideउत्तर प्रदेशदेशबड़ी खबर

सहारनपुर के प्राचीन मंदिर पर मुस्लिमों के कब्जे का आरोप, बजरंग दल का अल्टीमेटम :-

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में प्राचीन शिव मंदिर के सारे रास्ते बंद कर देने का मामला तूल पकड़ रहा है. गोटेशाह चुंगी के प्राचीन शिव मंदिर को खोलने के लिए बजरंग दल ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर 48 घंटे के भीतर मंदिर के कपाट नहीं खोले गए तो वो 1992 की तरह कार सेवा कर देंगे |

Bajrang Dal gave the ultimate to open the way to Shiva temple Saharanpur -  News Nation

वीएचपी व बजरंग दल कार्यकर्ता महानगर मंत्री सचिन मित्तल और प्रांत मठ मंदिर प्रमुख आचार्य कमल किशोर के नेतृत्व में कार्यकर्ता जिला मुख्यालय पहुंचे. वहां उन्होंने जिलाधिकारी अखिलेश सिंह को ज्ञापन सौंपा और मंदिर के कपाट खोलने के लिए कहा |

न्यूज नेशन इसे लेकर पड़ताल पर निकला. इस पड़ताल के तहत हमने मंडी थाने की निर्यात चौकी पर बजरंग दल के उन नेताओं को बुलाया जिन्होंने गुरुवार को प्रदर्शन करके ये घोषणा की थी. हमने यहीं से अपनी ये पड़ताल शुरू की. बाइक से हम धोबी वाली गली में ठीक गोटेशाह मजार के सामने पहुंचे. यही पता शिव मंदिर का था, लेकिन जब यहां न्यूज नेशन की टीम पहुंची तो वहां कोई मंदिर नजर नहीं आया. बस एक छोटा लोहे का गेट और एक बड़ा लोहे का गेट था. इसके अलावा बड़ी-बड़ी दीवारें | मुस्लिम वहां आ गए उनमें से एक मिर्ज़ा अशरफ अली ने कहा कि मंदिर तो है लेकिन वो मकानों की छत से दिखाई देगा. टीम मोहल्ले वालों के साथ हो लिए |

न्यूज नेशन की टीम को एक मकान की छत से इमारतों के पीछे छिपा हुआ विशाल प्राचीन मंदिर दिखाई दिया जो चारो तरफ से बंद था, मंदिर का हाल देखकर लगता था कि बरसों से यहां कोई नहीं आया है |

यहीं हमें मंदिर के ठीक आगे फैक्ट्री चलाने वाले सऊद खान मिल गए, उन्होंने बताया कि ये मंदिर लाला धुली चंद की निजी संपत्ति है, जिस जगह हमारी फैक्ट्री है, ये जमीन हमने सन 94 में लाला धुली चंद से खरीदी थी सऊद खान का कहना है ये बाउंडरी और मंदिर के आगे गैलरी बनवाकर गेट लाला जी ने ही लगवाया है. 2017 से उनके परिवार का कोई सदस्य नहीं आया है. लाला जी की मौत हो गयी और उनका एक बेटा अब इंग्लैंड में है. सऊद ने हमे रजिस्ट्री की कॉपी भी दी |

कुल मिलाकर अब गेंद प्रशासन के हाथों में है. कल मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ जांच करने के लिए आये थे. आज तहसील की टीम भी आई थी. अब सबकी नजर प्रशासन पर है कि आगे क्या रास्ता वो निकालते हैं |

Related Articles

Back to top button