नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली द्विपक्षीय वार्ता के लिए भारत आएंगे :-
नेपाल और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों में हाल के दिनों में एक तल्खी देखी गई है. हालांकि अब दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय बातचीत एवं यात्राओं का सिलसिला शुरू हो गया है. नेपाली और भारतीय अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि भारत से विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवने और रॉ प्रमुख सामंत गोयल के तीन स्तर की उच्च स्तरीय यात्राओं के बाद अब काठमांडू अपने विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली को नई दिल्ली भेज रहा है |
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के निमंत्रण पर विदेश मंत्री ग्यावली 22 और 23 दिसंबर को नई दिल्ली का दौरा करेंगे और विदेश मंत्री स्तर पर नेपाल और भारत के बीच संयुक्त आयोग की छठी बैठक में हिस्सा लेंगे. संयुक्त आयोग दोनों देशों के बीच उच्चतम स्तर का तंत्र है. इस अवसर के दौरान ग्यावली प्रधानमंत्री मोदी और अन्य नेताओं से मुलाकात करेंगे |
एक स्थानीय टेलीविजन चैनल को दिए साक्षात्कार में ग्यावली ने पुष्टि की कि वह एक द्विपक्षीय यात्रा के तहत नई दिल्ली का दौरा कर रहे हैं और सीमा विवाद के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाएंगे. हाल ही में नेपाल और भारत के बीच संबंधों में तकरार देखने को मिली थी, क्योंकि मई में नेपाल ने एक नया नक्शा जारी किया था, जिसमें नेपाल ने लिपुलेख सीमा क्षेत्र को अपने हिस्से में दर्शाया था. जबकि यह क्षेत्र हमेशा से ही भारत के इलाके में रहा है. नेपाल ने भारत की ओर से इलाके में निर्माण कार्य करते हुए रणनीतिक मार्ग खोलने के जवाब में नक्शा जारी किया था |
ग्यावली ने साक्षात्कार में कहा, ‘चाहे मैं आधिकारिक यात्रा पर जाऊं या संयुक्त आयोग की बैठक में भाग लूं, सीमा विवाद हमारी तरफ से प्रमुख एजेंडा होगा.’ ग्यावली ने साक्षात्कार में कहा कि सीमा विवाद का मुद्दा पहले से ही है और भारत इस पर चर्चा करने के लिए तैयार है. भारतीय विदेश सचिव की हाल की नेपाल यात्रा के दौरान सीमा विवाद का मुद्दा बैठक में उठाया गया और दोनों पक्ष इस मुद्दे पर आगे की बातचीत के लिए लिए सहमत हुए |
नेपाल और भारत के बीच द्विपक्षीय सीमा पर कई विवाद और दावे हैं और एक समर्पित तकनीकी टीम जमीन पर काम कर रही है. बैठक में राजनीतिक एवं सुरक्षा से लेकर व्यापार, वाणिज्य, पारगमन, आर्थिक सहयोग, कनेक्टिविटी, जल संसाधन, ऊर्जा सहयोग आदि क्षेत्रों के साथ ही तीन दर्जन से अधिक मुद्दों और द्विपक्षीय एजेंडे पर चर्चा की जाएगी |