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महामारी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में चाइना ने उठाई जिम्मेदारी :-

कोविड-19 महामारी वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए गंभीर संकट है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक मध्य यूरोपीय समयानुसार 3 दिसंबर की शाम को 4 बजकर 37 मिनट तक पूरी दुनिया में कोविड-19 के पुष्ट मामलों की संख्या एक दिन पहले की तुलना में 5 लाख 90 हजार से अधिक बढ़ी, कुल पुष्ट मामलों की संख्या 6 करोड़ 39 लाख 60 हजार से अधिक रही, जबकि मौत के मामलों की संख्या 14 लाख 80 हजार से अधिक है। जीवन सुरक्षा खतरे में डालने के अलावा, महामारी से विश्व अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचा और गंभीर मानवीय आपदा व अन्य खतरे भी आए। विश्व मुद्रा कोष ने चेतावनी दी है कि इस साल दुनिया में भारी आर्थिक मंदी आएगी, करीब 15 करोड़ 80 लाख से 24 करोड़ 20 लाख लोग बेरोजगार होंगे। सार्वजनिक स्वास्थ्य में खर्च की कमी की वजह से कुछ देशों के लोगों को औपचारिक चिकित्सा सेवा नहीं मिलेगी। इसके साथ ही अनाज सुरक्षा और सामाजिक समस्या भी पैदा होगी।

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इस कठिन स्थिति में चीन ने सबसे पहले महामारी का प्रभाव दूर किया और अन्य देशों की सहायता करने का फैसला किया। महामारी फैलने के बाद 31 मई तक चीन ने मानव समुदाय के साझे भविष्य की विचारधारा से 150 देशों और 4 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को महामारी के खिलाफ सहायता दी। चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को 5 करोड़ डॉलर का दान भी दिया। इसके अलावा, चीन ने कोरोना टीके को वैश्विक सार्वजनिक उत्पाद बनाने का वचन भी दिया।

कोरोना वायरस की राष्ट्रीय सीमा नहीं है, जो मानव जाति का समान दुश्मन है। मानव समुदाय का साझा भविष्य है। गंभीर खतरे के सामने कोई भी देश अकेला नहीं लड़ सकता, बस एकजुट होकर सहयोग करने से ही मुसीबतों से निपटा जा सकता है। जब विभिन्न देश एकजुट होकर काम करेंगे तभी महामारी की रोकथाम में अंतिम विजय पाई जा सकेगी।

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