चुनाव आयोग को एनआरआई के मतदान पर फैसले से पहले सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए: माकपा :-
माकपा ने डाक मतपत्रों के जरिए प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को मतदान करने की इजाजत देने के चुनाव आयोग के एक प्रस्ताव के बीच शुक्रवार को कहा कि मतदान प्रक्रिया में कोई बदलाव करने पर फैसला करने से पहले वह एक सर्वदलीय बैठक बुलाए।
चुनाव आयोग को लिखे एक पत्र में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी- मार्क्सवादी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि यह कदम चौंकाने वाला और स्तब्ध करने वाला है।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को मतदान प्रक्रिया में कोई बड़ा बदलाव करने से पहले अवश्य ही एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हाल ही में, चुनाव आयोग ने लोकतांत्रिक संस्कृति को कायम रखने की अपनी परंपरा का पालन नहीं किया है। ’’
येचुरी ने कहा, ‘‘हम मीडिया में आई इन खबरों से आश्चर्यचकित एवं स्तब्ध हैं कि चुनाव आयोग असम, पश्चिम बंगाल, केरल और पुडुचेरी में आगामी विधानसभा चुनावों में विदेशों में रह रहे भारतीयों/ एनआरआई के मतदान करने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए एक कानूनी प्रस्ताव लाया है। ’’
हालांकि, इस विषय पर चुनाव आयोग की तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है। आयोग ने पिछले हफ्ते इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड डाक मतपत्र (ईडीपीबीएस) व्यवस्था को विदेश में रह रहे भारतीय मतदाताओं को मतदान के लिये योग्य बनाने को लेकर विस्तारित करने का प्रस्ताव किया था, जो अब तक सैन्य कर्मियों के लिए उपलब्ध है।
माकपा नेता ने कहा कि पार्टी ने सुझाव दिया था कि विभिन्न देशों में भारत के दूतावासों में मतदान केंद्र बनाए जाएं ताकि भारतीय नागरिक उन देशों से मतदान कर सकें जहां वे फिलहाल रह रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इस व्यवस्था का अनुपालन विश्व के कई लोकतांत्रिक देश कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि माकपा का यह दृढ़ विचार है कि चुनाव आयोग को यथाशीघ्र एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए ताकि आगे बढ़ने से पहले एनआरआई को मतदान का अधिकार देने में शामिल जटिल मुद्दों पर चर्चा हो सके।