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जोड़ों के दर्द में पाना चाहते हैं छुटकारा, तो हल्दी का करें ऐसे इस्तेमाल :-

आज के वक्त में लाइफस्टाइल के चलते सही खानपान और शारीरिक क्रियाओं पर ध्यान ना दे पाने की वजह से जोड़ों में कमजोरी आ जाती है और दर्द की परेशानी होने लगती हैं. शरीर में जितने भी जॉइंट पार्ट्स होते हैं जैसे की घुटना, कोहनी, कमर, एड़ी उन सभी जगहों पर असहनीय दर्द होता है. और ये दर्द पूरे शरीर को तोड़ देता है.जिससे छुटकारा पाने के लिए लोग पेनकिलर खाना पसंद करते हैं. लेकिन आप चाहें तो अपनी किचन में मौजूद एक मसाले से भी अपना जोड़ो का दर्द मिटा सकते हैं |

Raw Turmeric Useful In Diabetes - मधुमेह में उपयोगी कच्ची हल्दी, ऐसे करें  इस्तेमाल | Patrika News

जी हां ऑस्ट्रेलिया स्थित तसमानिया यूनिवर्सिटी के हालिया अध्ययन में हल्दी को ऑस्टियोआर्थराइटिस का रामबाण इलाज करार दिया गया है. बताया गया है कि हल्दी में मौजूद ‘करक्युमिन’ दर्द के एहसास में कमी लाने में बेहद कारगर साबित हो सकता है.रिसर्च के मुताबिर हल्दी ‘करक्युला लोंगा’ नामक पौधे की सूखी जड़ को पीसकर तैयार की जाती है. इसमें पाया जाने वाला ‘करक्युमिन’ नाम का पॉलीफेनॉल अपने संक्रमण और सूजन रोधी गुणों के लिए जाना जाता है. यही कारण है कि जो लोग रोजाना हल्दी का सेवन करते हैं, उन्हें न सिर्फ जोड़ों में सूजन की शिकायत से निजात मिलती है, बल्कि दर्द का एहसास जगाने वाले सिग्नल भी ब्लॉक होते हैं | रिसर्च में शोधकर्ताओं ने ऑस्टियोआर्थराइटिस से परेशान 70 मरीजों को दो ग्रुप में बांटा. जिसमें पहले ग्रुप में शामिल प्रतिभागियों को रोजाना हल्दी से तैयार दो कैप्सूल का सेवन करवाया गया. वहीं, दूसरे ग्रुप को दर्दनिवारक दवा बताकर साधारण मीठी गोली खिलाई गई. जिसमें 12 हफ्ते बाद पहले ग्रुप के लोगों को दूसरे ग्रुप के मुकाबले जोड़ों के दर्द में कहीं ज्यादा राहत मिलने की बात कही गई |

हालांकि ऑस्टियोआर्थराइटिस के इलाज में अभी पेनकिनर के अलावा कोई और असरदार दवा नहीं है. ऐसे में डॉक्टर हल्दी को एक बेहतरीन साइडइफेक्ट रहित उपचार के रूप में सुझा सकते हैं. प्रतिभागियों के जोड़ों के स्कैन से पता चलता है कि हल्दी उनकी संरचना में कोई बदलाव नहीं लाती, पर सूजन घटाकर पेन सिग्नल को जरूर बाधित कर देती है, जिससे दर्द के एहसास में कमी आती है |

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