स्मार्ट लुकिंग जीआईएस 6 ग्रिडों का कार्य जल्दी प्रारंभ होगा :-
बिजली विकास और मानव जीवन के बेहतरी के लिए बहुत जरूरी है। शहरों में अब जीआईएस पद्धति के स्मार्ट ग्रिड लगाए जाएंगे। इन्दौर में 3, खंडवा में 2 एवं रतलाम में 1 स्मार्ट ग्रिड बनेगा। 8-8 मैगावाट क्षमता के इन ग्रिडों का काम अगले दो माह में प्रारंभ करने की पूरी तैयारी की जाए।
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक श्री अमित तोमर ने शनिवार को कंपनी क्षेत्र के इंजीनियरों को संबोधित करते हुए यह बात कही। सभी 15 जिलों के इंजीनियरों को संबोधित करते हुए श्री तोमर ने कहा कि कंपनी क्षेत्र के सभी 110 शहरों, कस्बों में आंकलन रहित बिल यानि शत प्रतिशत पीएमआर, एएमआर वाले बिल ही जाए। यह कार्य भी सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ किया जाए। इन्दौर व उज्जैन संभागीय मुख्यालयों में नए साल में हम शत प्रतिशत बिल वास्तविक रीडिंग वाले ही देने की तैयारी करे। हमारा यह कार्य उपभोक्ता संतुष्टि का आधार रहेगा। प्रबंध निदेशक श्री तोमर ने कहा कि लोक अदालत में लगभग 48 हजार नोटिस दिए गए है, अधिक से अधिक प्रकरणों में समझौते की कोशिश की जाए, ताकि उपभोक्ता व कंपनी दोनों को 12 दिसंबर की लोक अदालत के बाद राहत मिल सके। विजिलेंस के ताजा प्रकरणों की राशि में से 50 फीसदी की वसूली दिसंबर अंत तक हो जाए। श्री तोमर ने इन्दौर शहर, देवास, झाबुआ, धार, खरगोन, बुरहानपुर के अधीक्षण यंत्रियों को बिलिंग साइकल सुधारने के निर्देश दिए। श्री तोमर ने कहा कि शहरों में स्मार्ट मीटर के बाद अब गैस आधारित स्मार्ट ग्रिड भी स्थापित होंगे। इन्दौर शहर में राऊ के पास, सदर बाजार और ग्रीन पार्क धार रोड पर जीआईएस सब स्टेशन का काम अगले दो माह में प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए है, इसी तरह के स्मार्ट ग्रिड खंडवा में दो एवं रतलाम में 1 बनेगा। ये ग्रिड मात्र 700/800 वर्ग फीट में बन जाते है। कम जमीन में बनने वाले ये ग्रिड शहरों में बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने में काफी मददगार साबित होंगे।
:: कस्बों में 90 फीसदी रिकवरी हो ::
प्रबंध निदेशक श्री तोमर ने शहरों व कस्बों में बिलों की कम से कम 90 फीसदी रिकवरी(स्टब) के निर्देश भी दिए। शहरों में प्रत्येक घर में मीटर चालू हाल में हो, जहां बदलने की जरूरत हो, वहां तत्काल मीटर बदला जाए।
:: हेल्प लाइन व समाधान पर गंभीरता बरते ::
मुख्य महाप्रबंधक श्री संतोष टैगोर ने कहा कि 8 दिसंबर को मुख्यमंत्री विभाग की समीक्षा करेंगे। सभी जिलों के इंजीनियर सीएम हेल्प लाइन एवं समाधान के प्रति गंभीरता बरते, वरना नोटिस दिया जाएगा। इस दौरान निदेशक श्री मनोज झंवर, कार्यपालक निदेशक श्री संजय मोहासे, श्री गजरा मेहता, वरिष्ठ अधिकारी सर्वश्री कैलाश शिवा, एसएल करवाड़िया , एसआर बमनके, अशोक शर्मा, आरके नेगी, कामेश श्रीवास्तव, एनसी गुप्ता, डॉ. डीएन शर्मा आदि ने भी विचार रखे।