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संघीय कोर्ट के फैसले से भारत सहित कई देशों को मिली राहत :-

अमेरिकी संघीय अदालत के एक ताजा फैसले से वहां रह रहे भारतीयों को काफी राहत मिलने वाली है। अमेरिका में कार्यकाल पूरा करने जा रहे मौजूदा डोनाल्ड प्रशासन के फैसले को पलटते हुए संघीय अदालत ने भारत समेत कई देशों से आए प्रवासियों को छूट दी है। कोर्ट ने नाबालिग अवस्था में, बिना वैध दस्तावेजों के, देश में दाखिल हुए अप्रवासियों को निर्वासन से बचाने के लिए लागू योजना को पूरी तरह से बहाल करने का आदेश दिया है। राष्ट्रपति बराक ओबामा के दौर में लाई गई योजना पर अदालत के इस फैसले से बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासियों को लाभ होगा। ट्रंप प्रशासन ने साल 2017 में बाल्यकाल में आए लोगों के खिलाफ कार्रवाई स्थगित करने की योजना को खत्म करने की कोशिश की थी लेकिन अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने इस कोशिश को इस साल जून में बाधित कर दिया था। अमेरिका के न्यूयॉर्क के पूर्वी जिला जज निकोलस गरौफिस ने शुक्रवार को आतंरिक सुरक्षा विभाग को डीएसीए लाभार्थियों पर कार्रवाई स्थगन की अवधि दो साल और बढ़ाने और सोमवार से नए आवेदन स्वीकार करने के निर्देश दिए। इससे सितंबर 2017 के बाद पहली बार वे लोग नए सिरे से आवेदन कर सकेंगे जो पहले इसके लिए पात्र नहीं थे।
यह योजना उन अवैध अप्रवासियों को निर्वासन से सुरक्षा मुहैया कराती है जो अमेरिका में बच्चे के तौर पर दाखिल हुए थे। न्यायाधीश गरौफिस ने अपने आदेश में लिखा, ‘अदालत मानती है कि यह अतिरिक्त राहत तर्कसंगत है।’

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उल्लेखनीय है कि डीएसीए कर्यक्रम के तहत करीब 6,40,000 लोग पंजीकृत हैं। साउथ एशियन अमेरिकन लीडिंग टूगेदर (साल्ट) की 2019 में जारी रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में कम से कम 6,30,000 भारतीय बिना दस्तावेजों के अमेरिका में रह रहे हैं। यह संख्या वर्ष 2010 के मुकाबले 72 प्रतिशत अधिक है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस समय 4,300 दक्षिण एशियाई डीएसीए के सक्रिय लाभार्थी हैं जबकि अगस्त 2018 में 2,550 भारतीय डीएसीए के सक्रिय लाभार्थी थे। साल्ट के मुताबिक अमेरिका में करीब 20 हजार भारतीय डीएसीए की अर्हता रखते हैं, लेकिन इनमें से 13 प्रतिशत ने ही आवेदन किया और डीएसीए के तहत लाभ लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक इस योजना के तहत पंजीकृत 1,300 पाकिस्तानी, 470 बांग्लादेशी, 120 श्रीलंकाई और 60 नेपाली लोगों को लाभ मिल रहा है। ट्रंप प्रशासन इस फैसले के खिलाफ संघीय अदालत में अपील दाखिल कर सकता है या उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर अस्थायी राहत का अनुरोध कर सकता है।
प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कहा कि अदालत ने ओबामा कार्यकाल की योजना को बरकरार रखा है जो अमेरिकी मूल्यों और अमेरिकी लोगों की इच्छा का सम्मान है। उन्होंने कहा, ‘सपना देखने वालों की जरूरत है और वे वास्तविक, स्थायी फैसले के हकदार हैं ताकि हमारे देश में अपना योगदान जारी रख सकें। 117वीं कांग्रेस में हमारी डेमोक्रैटिक बहुमत वाली प्रतिनिधि सभा फिर से एक द्विदलीय विधेयक को सपना देखने वालों की रक्षा के लिए पारित करेगी जिसपर बाइडेन-हैरिस प्रशासन दस्तखत करेगा।’

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