अब केरल चुनावों पर बीजेपी की नजर, प्रचार से दूर रहे बड़े नेता :-
हैदराबाद नगर निगम चुनाव में अच्छे प्रदर्शन के बाद अब बीजेपी ने दूसरे दक्षिणी राज्य केरल में भी अपना वोट शेयर बढ़ाने पर फोकस किया है। केरल में इसी हफ्ते चुनाव होने हैं। हालांकि हैदराबाद से अलग केरल में बीजेपी के बड़े चेहरों ने चुनाव प्रचार नहीं किया। दरअसल बीजेपी को यहां बड़ी संख्या में सीटें जीतने की उम्मीदें कम ही हैं।
स्थानीय विकास के मुद्दों के अलावा कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही सत्तारूढ़ वामदल को गोल्ड स्मगलिंग केस में घेर रही हैं। इस मामले में सीएम पिनराई विजयन को भी लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री के अडिशनल प्राइवेट सेक्रेटरी सीएम रवींद्रन को ईडी ने तीसरी बार समन भेजा है। 10 दिसंबर को वह कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ के लिए ईडी के सामने पेश होंगे।
8, 10 और 14 दिसंबर को होने हैं चुनाव
एक पूर्व सीपीएम मंत्री के बेटे बिनेश कोडियारी की कथित मिलीभगत को भी विपक्ष ने मुद्दा बनाया। केरल में 8, 10 और 14 दिसंबर को केरल में पंचायत, नगर पालिकाओं और 6 निगमों में चुनाव होने हैं। बीजेपी ने अपने स्टेट यूनिट के नेताओं से प्रचार पर जोर दे रही है। केरल बीजेपी के अध्यक्ष के सुरेंद्रन और पूर्व अध्यक्ष कुमननम राजशेखरन ने राज्य के सभी हिस्सों का दौरा किया जबकि नेता-अभिनेता सुरेश गोपी ने भी जनता से वोटों की अपील की।
मुस्लिम-ईसाई उम्मीदवारों को दिए टिकट
हालांकि बीजेपी के वरिष्ठ नेता जैसे गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा चुनाव प्रचार से दूर ही रहे। पार्टी ने इस बार चुनाव में कई मुस्लिम और ईसाई उम्मीदवारों को भी टिकट दिए हैं। एक बीजेपी नेता ने बताया, ‘हम उम्मीद करते हैं कि कई मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक के कानून के लिए हमें वोट करेंगी। इसके अलावा मुस्लिम महिलाओं की शादी की उम्र 18 से 21 करने की योजना का भी कई मुस्लिम लड़कियों ने स्वागत किया था।’
राहुल गांधी भी प्रचार से रहे दूर
बीजेपी की तरह ही कांग्रेस ने भी केरल के स्थानीय चुनाव में प्रचार के लिए सेंट्रल कमान से किसी को नहीं भेजा। जबकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद भी हैं लेकिन उन्होंने अभी तक यहां प्रचार नहीं किया। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी किसी चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लिया।