भारतीय बाजारों में 17,818 करोड़ रुपये डाले :-
कोरोना के कारण इकॉनमी की हालत भरे ही खराब हो लेकिन दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों की तरफ से स्टिमुलस पैकेज की घोषणा के कारण मार्केट में लिक्विडिटी काफी है। लिक्विडिटी बढ़ने के कारण शेयर बाजार में बायर्स हावी हैं। भारतीय शेयर बाजार में पिछले कुछ समय से काफी विदेशी निवेश आ रहा है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने दिसंबर में चार कारोबारी सत्रों में हैं।
टीका की खबरों से निवेशकों का सेंटिमेंट सुधरा है
दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं में उम्मीद से बेहतर सुधार और कोरोना वायरस के टीके को लेकर सकारात्मक नतीजों से भारतीय बाजारों के प्रति विदेशी निवेशकों का आकर्षण बढ़ा है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार एफपीआई ने 1-4 दिसंबर के दौरान शेयरों में शुद्ध रूप से 16,520 करोड़ रुपये और ऋण या बॉन्ड बाजार (Debt and bond market) में 1,298 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस तरह भारतीय बाजारों में उनका शुद्ध निवेश 17,818 करोड़ रुपये रहा था।
FPI ने नवंबर में डाले 63 हजार करोड़
इससे पहले नवंबर में एफपीआई ने भारतीय बाजारों में शुद्ध रूप से 62,951 करोड़ रुपये डाले थे। ग्रो के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) हर्ष जैन ने कहा, ‘दुनियाभर में अर्थव्यवस्थाओं में उम्मीद से अधिक तेजी से सुधार हो रहा है। ऐसे में भारतीय बाजारों में एफपीआई का प्रवाह तेजी से बढ़ रहा है।’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा कोविड-19 के टीके परीक्षणों के सकारात्मक नतीजों से भी निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘उभरते बाजारों के प्रति एफपीआई में काफी आकर्षण है और इस रुख से भारत को भी फायदा हो रहा है।’
मुनाफावसूली कर रही MF कंपनियां
म्यूचुअल फंड की तरफ से बिकवाली जारी जारी है। म्यूचुअल फंड निवेशकों ने अक्टूबर में इक्विटी योजनाओं से 30,760 करोड़ रुपये निकाले। निवेशकों ने नवंबर महीने में मुनाफावसूली करते हुए इक्विटी योजनाओं से 30,760 करोड़ रुपये की निकासी की। विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में जबतक सुधार नहीं आता, निकासी की प्रवृत्ति बनी रहेगी। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के आंकड़ों के अनुसार इसके साथ म्यूचुअल फंड से शुद्ध रूप से निकासी चालू वर्ष 2020 में जनवरी से नवंबर के दौरान 28,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी है।