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नए संसद भवन के ‘भूमि पूजन’ पर बवाल :-

नए संसद भवन के शिलान्यास के पहले भूमि पूजन का कई विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं। विपक्षी दलों ने कहा कि इससे पहले सर्वधर्म प्रार्थना होनी चाहिए। कई अन्य विपक्षी नेताओं ने सरकार की प्राथमिकता पर सवाल उठाए हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 दिसंबर को संसद भवन की नई इमारत के लिए पूजा करने वाले हैं। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा, ‘अगर प्रधानमंत्री भूमि पूजन कर रहे हैं तो मैं उनसे दूसरे धर्मों के नेताओं को भी आमंत्रित करने का आग्रह करूंगा। ताकि देश में रहने वाले हर शख्स को नई संसद भवन के लगाव महसूस हो।’

ऐसा होगा नया संसद भवन, लोकसभा अध्यक्ष बोले- आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक -  News AajTak

एनसीपी बोली- प्रार्थना का हो आयोजन
एनसीपी नेता मजीद मेनन ने कहा कि अगर भूमि पूजन से पहले सभी धर्मों के लोगों की प्रार्थना सभा का आयोजन होना चाहिए। तृणमूल कांग्रेस ने नई संसद भवन के भूमि पूजन कार्यक्रम का विरोध किया है। पार्टी ने इसे धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ बताया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस बात की पुष्टि की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 दिसंबर को नए संसद भवन के शिलान्यास समारोह में शामिल होंगे और इसका भूमि पूजन करेंगे। नया संसद भवन भूकंप-रोधी होगा और इसे 971 करोड़ रुपये की लागत से 64,500 वर्ग मीटर में बनाया जाएगा, जो कि पुराने भवन से 17,000 वर्ग मीटर अधिक होगा। इस परियोजना का ठेका टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को दिया गया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘लोकसभा सदस्यों के लिए लगभग 888 सीटें होंगी और नए भवन में राज्यसभा सदस्यों के लिए 326 से अधिक सीटें होंगी। लोकसभा हॉल में एक साथ 1,224 सदस्य बैठ सकेंगे।’
सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ शिलान्यास को दी मंजूरी
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की ‘सेंट्रल विस्टा परियोजना’ का विरोध करने वाली लंबित याचिकाओं पर कोई फैसला आने तक निर्माण कार्य या इमारतों को गिराने जैसा कोई काम ना करने का आश्वासन मिलने के बाद केन्द्र को इसकी आधारशिला रखने का कार्यक्रम आयोजित करने की सोमवार को मंजूरी दे दी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस ए. एम. खानविलकर के नेतृत्व वाली एक पीठ को कहा कि केवल आधारशिला रखने का कार्यक्रम किया जाएगा, वहां कोई निर्माण कार्य या इमारतों को गिराने जैसा कोई काम नहीं होगा। इस परियोजना की घोषणा पिछले वर्ष सितंबर में हुई थी, जिसमें एक नये त्रिकोणाकार संसद भवन का निर्माण किया जाना है। इसमें 900 से 1200 सांसदों के बैठने की क्षमता होगी।
10 को प्रधानमंत्री मोदी करेंगे नई संसद भवन का शिलान्यास
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 दिसंबर को नए संसद भवन के शिलान्यास समारोह में शामिल होंगे और इसका भूमि पूजन करेंगे। नया संसद भवन भूकंप-रोधी होगा और इसे 971 करोड़ रुपये की लागत से 64,500 वर्ग मीटर में बनाया जाएगा, जो कि पुराने भवन से 17,000 वर्ग मीटर अधिक होगा। इस परियोजना का ठेका टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को दिया गया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘लोकसभा सदस्यों के लिए लगभग 888 सीटें होंगी और नए भवन में राज्यसभा सदस्यों के लिए 326 से अधिक सीटें होंगी। लोकसभा हॉल में एक साथ 1,224 सदस्य बैठ सकेंगे।’

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