महाराष्ट्र: किसानों आंदोलन को समर्थन देने के लिए पुणे के रालेगण सिद्धि में अनशन पर बैठे अन्ना हजारे
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे मंगलवार को आंदोलनरत किसानों को समर्थन देने के लिए एक दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं, जिन्होंने किसानों का साथ देते हुए भारत बंद का समर्थन किया है और केंद्र सरकार से नए कृषि कानूनों को रद करने की मांग की है। हजारे ने कहा कि ये आंदोलन पूरे देश में फैल जाना चाहिये जिससे सरकार पर इन कानूनों को वापिस लेने के लिए दबाव बन सके।
एक रिकॉर्ड किए गए संदेश में, हजारे ने दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के विरोध की सराहना करते हुए कहा कि आंदोलन के पिछले 10 दिनों में कोई हिंसा नहीं हुई है। “मैं देश के लोगों से अपील करता हूं कि दिल्ली में जो आंदोलन चल रहा है, वह पूरे देश में फैल जाए। सरकार पर दबाव बनाने के लिए स्थिति बनाने की जरूरत है और इसे हासिल करने के लिए किसानों को सड़कों पर उतरने की जरूरत है।
महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि गांव में भूख हड़ताल पर बैठे अन्ना हजारे ने कहा कि लेकिन किसी को भी हिंसा का सहारा नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए सड़कों पर आने और उनके मुद्दों को हल करने का यह “सही समय” था। हजारे ने कहा कि “मैंने पहले भी इसका समर्थन किया था, और ऐसा करना जारी रहेगा।” हजारे ने कहा कि किसानों को एमएसपी स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों के आधार पर लाभ दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने अब तक केवल आश्वासन दिया है लेकिन इन मांगों को कभी पूरा नहीं किया।
गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमा पर बीते 12 दिनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आज ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। किसान यूनियनों का कहना है कि वे सरकार द्वारा प्रस्तावित कृषि कानूनों में संशोधन से संतुष्ट नहीं हैं। जिसे लेकर दोनों के बीच कल (बुधवार) फिर बातचीत होनी तय हुई है। किसान नेताओं का कहना है कि किसी को भी बंद में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं किया गया है। लेकिन सभी विपक्षी दलों और कई ट्रेड यूनियनों ने ‘भारत बंद’ और किसानों का समर्थन कर रहे हैं।