कृषि कानून पर केंद्र आज देगी प्रस्ताव, जानिए कहां अटका पेंच :-
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन का बुधवार को 14वां दिन है। पिछले दो हफ्तों से किसान विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने तथा कुछ अन्य मांगों की पूर्ति पर अड़े हैं। किसान और केंद्र के बीच अब तक पांच बैठकें होने के बावजूद भी कोई सकारात्मक नतीजा सामने नहीं आ पाया है। मंगलवार को किसानों ने सुबह 11 बजे से शाम 3 बजे तक भारत बंद बुलाया गया था जिसे कई बड़े राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिला। लेकिन शाम होते-होते तस्वीर बदलती दिखी। गृह मंत्री अमित शाह ने किसान नेताओं को मुलाकात करने के लिए बुलाया था।
कई घंटों तक चली इस बैठक में किसानों की मांग पर बात हुई और केंद्र सरकार ने ये स्पष्ट कर दिया कि कृषि कानून वापस नहीं लिया जाएगा। हालांकि, सरकार कानून में कुछ संशोधन करने पर राजी होती दिख रही है। दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर बुधवार दोपहर 12 बजे किसान संगठनों की बैठक होगी जहां केंद्र के प्रस्तावों पर मंथन किया जाएगा।
हालांकि, किसानों और सरकार के बीच होने वाली छठे दौर की वार्ता रद्द हो गई है। लेकिन आज ही सरकार किसानों को एक लिखित प्रस्ताव दे सकती है जिसमें किसानों की कुछ मांगों को माना जा सकता है।
अमित शाह-किसान नेताओं की बैठक का नतीजा
भारत बंद की मियाद खत्म होने के तुरंत बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने जानकारी दी कि शाम को गृह मंत्री अमित शाह कुछ किसान नेताओं से मिलेंगे। देर रात तक चली बैठक के बाद जब किसान नेता बाहर आए तो पूरी तरह से संतुष्ट नहीं दिखे। किसान नेताओं के मुताबिक, सरकार कृषि कानून वापस ना लेने पर अड़ी है और संशोधनों के साथ लिखित प्रस्ताव देने की बात कह रही है। बताया गया कि केंद्र सरकार बुधवार को ही प्रस्ताव देगी जिसपर किसान मंथन करेंगे।
किन संशोधनों पर मान रही है सरकार?
किसानों की ओर से कृषि कानून में काफी खामियां गिनाई गईं और कहा गया कि सभी कानूनों को वापस लिया जाए। हालांकि, किसान नेता हनन मुल्ला के मुताबिक, सरकार ने कहा है कि कानून वापस नहीं लिए जाएंगे लेकिन किसानों की कुछ मुख्य चिंताओं को दूर करने की पहल करते हुए कुछ संशोधन किए जा सकते हैं। आइए जानते हैं किन क्षेत्रों में किया जा सकता है संशोधन :
– कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के कानून में अभी किसान के पास कोर्ट जाने का अधिकार नहीं है, ऐसे में सरकार इसमें संशोधन कर कोर्ट जाने के अधिकार को शामिल कर सकती है।
– प्राइवेट प्लेयर अभी पैन कार्ड की मदद से काम कर सकते हैं, लेकिन किसानों ने पंजीकरण व्यवस्था की बात कही। सरकार इस शर्त को मान सकती है।
– प्राइवेट प्लेयर्स पर कुछ टैक्स की बात भी सरकार मानती दिख रही है।
– किसान नेताओं के मुताबिक, अमित शाह ने एमएसपी सिस्टम और मंडी सिस्टम में किसानों की सहूलियत के अनुसार कुछ बदलाव की बात कही है।
किन अटकलों का करना पड़ सकता है सामना ?
– किसान नेताओं का तर्क है कि अगर कानून में संशोधन होता है तो उसकी रूपरेखा बदल जाएगी। वो किसी और स्टेकहोल्डर को गलत तरीके से प्रभावित कर सकता है।
– किसानों ने सरकार के साथ पिछले कई दौर की बातचीत में बिंदुवार खामियां गिनाई हैं, ऐसे में किसानों का कहना है कि जिस कानून में इतनी संशोधन की जरूरत हो, हर कानून में लगभग 8 से 10 गलतियां हों तो उसका औचित्य क्या रह जाता है।
– किसानों को कानून की शब्दावली से भी दिक्कत है, जो किसानों के लिए मुश्किलें पैदा कर रही है। किसानों की ओर से सरकार को पहले भी कहा जा चुका है कि सरकार एमएसपी को कानून का हिस्सा बनाए, हालांकि सरकार इस बात का भरोसा दे रही है कि एमएसपी कभी खत्म नहीं होगी।
– इसके अलावा, किसानों की मांग थी कि मंडी सिस्टम खत्म ना हो, क्योंकि मंडियों में मौजूद आड़तियों के साथ जैसा कामकाज किसानों का होता है, वो किसी कंपनी के साथ नहीं हो सकता है।
दिल्ली का कैसा है हाल
प्रदर्शन की वजह से कई रास्ते बंद है। कुछ जगहों पर ट्रैफिक को भी डायवर्ट किया गया है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है जिसके मुताबिक, आज सिंघु बार्डर, औचंदी बॉर्डर, पियाओ मनियारी बॉर्डर और मंगेश बॉर्डर यातायात के लिए पूरी तरह बंद है। एनएच-44 भी दोनों तरफ से बंद रहेगा।