मुख्यमंत्री ने एम्स, गोरखपुर में तीन दिवसीय संगोष्ठी ’स्वस्थ पूर्वी उ0प्र0-एक पहल’ का शुभारम्भ किया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), गोरखपुर में आयोजित तीन दिवसीय संगोष्ठी ’स्वस्थ पूर्वी उ0प्र0-एक पहल’ का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने ‘ई-आरोग्य एप’ का उद्घाटन एवं स्मारिका का विमोचन भी किया।
उन्होंने कहा कि यह एप पंजीकरण, डिजिटल भुगतान, डिजिटल रिकाॅर्ड आदि के लिए उपयोगी होगा। एम्स द्वारा ‘स्वस्थ पूर्वी उ0प्र0-एक पहल’ संगोष्ठी के लिए शुभकामनाएं एवं बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि एम्स स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए जाना जाता है। अगले वर्ष एम्स, गोरखपुर को जनता के लिए पूर्ण रूप से समर्पित कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तारीकरण के प्रति निरन्तर कार्य कर रही है। हेल्थ इन्फ्रास्ट्रकचर को बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश में मेडिकल काॅलेजों की श्रृंखला बढ़ाई जा रही है। गोरखपुर मेडिकल काॅलेज में पूर्व की अपेक्षा काफी बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां नए संस्थान स्थापित हो रहे हंै। सुपर स्पेशियलिटी हाॅस्पिटल ने कोरोना काल खण्ड में अपनी बेहतर सेवाएं प्रदान की है।
उन्होंने कहा कि बीमारियों का सबसे बड़ा उपचार बचाव होता है।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इंसेफलाइटिस को प्रदेश सरकार द्वारा नियंत्रित करने हेतु वैक्सीनेशन के साथ ही अन्तर्विभागीय समन्वय बनाकर इसे कण्ट्रोल किया गया है। सम्बन्धित विभागों द्वारा संचालित अभियान के तहत सभी ने इससे जुड़कर बेहतर परिणाम दिए है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर घर को शौचालय व साफ-सफाई आदि के माध्यम से इंसेफलाइटिस को पूर्ण रूप से नियंत्रित किया गया है। शुद्ध पेयजल आपूर्ति से भी बीमारी नियंत्रित हुई है। प्रदेश सरकार ने जिस तरह इंसेफलाइटिस को नियंत्रित किया है, उसी प्रकार कोरोना को भी नियंत्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश कोरोना पर विजय की ओर अग्रसर है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि टीम भावना के साथ जब कार्य किया जाता है, तो उसके बेहतर परिणाम निश्चित रूप से परिलक्षित होते हैं। एम्स को भी इसी भाव के साथ कार्य करना होगा। एम्स से केवल गोरखपुर ही नहीं, बल्कि अन्य जनपद/प्रान्त भी लाभान्वित होंगे। शासन हर स्तर से सहयोग के लिए तत्पर है।
उन्होंने कहा कि तकनीकी को अपनाने में कोताही न बरती जाए। कोरोना काल में तकनीकी के आधार पर कार्य किया गया, जिससे कोरोना पर नियंत्रण में सफलता मिली। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को मरीजों के प्रति उदार एवं संवेदनशील होना चाहिए। मरीजों को पीड़ा से निजात दिलाना उनका कर्तव्य है।
इस अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री जय प्रताप सिंह, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार श्री के0वी0 राजू, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 राजेश सिंह, गोरखपुर मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ0 गणेश सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।