तब्लीगी जमात के नेता मौलाना साद का केस NIA को नहीं सौंपा जाएगा, दिल्ली हाईकोर्ट ने ठुकराई याचिका :-
दिल्ली हाईकोर्ट ने तब्लीगी जमात के नेता मौलाना साद के खिलाफ दर्ज एक मामले की जांच को दिल्ली पुलिस से एनआईए को स्थानांतरित करने के निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया। मार्च में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए बड़ी सभाएं करने पर रोक लगाए जाने के निर्देश का उल्लंघन कर निजामुद्दीन मरकज में सम्मेलन आयोजित करने के आरोप में साद पर मामला दर्ज किया गया था। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस तलवंत सिंह की बेंच ने इस याचिका को खारिज कर दिया। बेंच ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता के वकील यश चतुर्वेदी इस छूट के साथ यह याचिका वापस लेना चाहते हैं कि वह सुप्रीम कोर्ट में इसी तरह की एक लंबित याचिका को आगे बढ़ाना चाहते हैं। बेंच ने उनको इसकी अनुमति देते हुए याचिका को खारिज कर दिया। बेंच ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट में भी इसी तरह की याचिका दायर की गई है, ऐसे में इसे यहां लंबित नहीं रखी जा सकती है।
मुंबई के वकील घनश्याम उपाध्याय द्वारा दायर याचिका में एनआईए को समयबद्ध तरीके से मामले की जांच करने और हाईकोर्ट द्वारा जांच की निगरानी करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। याचिका में यह आरोप लगाया गया कि दिल्ली पुलिस काफी समय गंवाने के बावजूद तब्लीगी नेता को गिरफ्तार करने में विफल रही है। गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने 31 मार्च को निजामुद्दीन पुलिस थाने के प्रभारी की एक शिकायत पर साद समेत सात लोगों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की थी। प्रवर्तन निदेशालय ने मौलाना साद, जमात और अन्य से जुड़े ट्रस्ट के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी दर्ज किया है।