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सरकार लॉजिस्टिक्स की लागत कम करने की दिशा में कर रही काम: कांत

सरकार वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत को अत्यधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए कई उपाय कर रही है। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने शनिवार को यह बात कही। वे फिक्की की एजीएम में बोल रहे थे। कांत ने कहा कि सरकार लॉजिस्टिक्स की लागत कम करने की दिशा में भी काम कर रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश को वृद्धि के नए क्षेत्रों में आगे बढ़ना चाहिए।

कांत ने अपने संबोधन में कहा, ‘सरकार वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत को अत्यधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए कई उपाय कर रही है। सरकार द्वारा 10 प्रमुख क्षेत्रों के लिए पिछले महीने घोषित की गई उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना से विनिर्माण में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। कांत ने कहा कि यह 26 अरब डालर की योजना है, जो 10 चुनिंदा क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए तैयार की गयी है। इसमें पांच साल की मदद से विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि तेज होगी।

अगले वर्ष अप्रैल-मध्य से सिंगल विंडो क्लीयरेंस सुविधा

उद्योग संगठन फिक्की की इस एजीएम में उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआइआइटी) के सचिव गुरुप्रसाद मोहापात्र ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए सरकार अगले वर्ष अप्रैल-मध्य से सिंगल विंडो क्लीयरेंस सुविधा शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण चालू वित्त वर्ष के लिए पेश बजट के दौरान घोषणा कर चुकी हैं।

तकनीक आधारित इस प्लेटफॉर्म से घरेलू और विदेशी दोनों तरह के निवेशकों को भूमि उपलब्धता, प्रक्रियाओं और जरूरतों की जानकारी एक ही जगह मिल जाएगी। इससे निवेशकों को अपने निवेश प्रस्ताव और उसके अनुमोदन के लिए अलग-अलग विभागों में आवेदन नहीं देने होंगे। हालांकि, इससे अनुमोदन की संख्या में कमी नहीं आएगी, क्योंकि ये सब जरूरी अनुमोदन हैं।

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