उत्तर प्रदेश : महराजगंज मासूम के अपहरण के बाद मिला शव परिजन आक्रोशित
उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र के बांसपार बैजौली गांव में बीते 9 दिसंबर को अपहरण किए गए मासूम का शनिवार देर शाम शव मिलने के बाद परिजन काफी आक्रोशित हैं. पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए आज सुबह फरेंदा-महाराजगंज एनएच 730 मार्ग को जाम कर दिया. परिजनों का आरोप है कि पुलिस की लापरवाही से मासूम की हत्या हुई.
बीते 5 सितंबर को ही धमकी भरे मैसेज की जानकारी पुलिस अधीक्षक को दी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. अगर समय रहते कदम उठाया गया होता तो आज उसके बच्चे की हत्या नहीं होती. परिजनों का कहना है कि जब तक मुख्यमंत्री मौके पर नहीं आएंगे तब तक वह यहां से नहीं हटेंगे. उनका कहना है कि यहां के प्रशासन पुलिस पर उन्हें कोई विश्वास नहीं है.
पूरे घटनाक्रम की बात करें तो 9 दिसंबर को कोतवाली थाना क्षेत्र के बांसपार बैजोली गांव से अपने घर के सामने खेलते समय 7 वर्षीय पीयूष संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गया था. उसके अगले ही दिन एक पत्र परिजनों को मिला था
जिसमें 50 लाख की फिरौती मांगी गई थी और पुलिस से शिकायत करने पर उसकी हत्या करने की धमकी भी दी गई थी. इस पूरे घटनाक्रम के बाद महराजगंज पुलिस ने पांच टीमें लगाकर एसटीएफ की मदद से पीयूष को खोजने में जुटी हुई थी. इसी बीच फिरौती भरे पत्र की गहराई से छानबीन की गई तो उसकी हैंडराइटिंग परिवार के ही एक सदस्य जो मृतक मासूम पीयूष का रिश्ते में चाचा है. मनीष की निकली.
पुलिस ने अपनी जांच आगे पेश की तो मनीष ने पहले तो मामले को उलझा कर पुलिस को गुमराह करता रहा, लेकिन जब उसकी हैंडराइटिंग मिलान की गई तो दूध का दूध और पानी का पानी हो गया.
कड़ाई से पूछताछ करते हुए उसने हत्या करने की बात स्वीकारी. वहीं शव मिलने के बाद परिजन काफी आक्रोशित थे और आज पुलिस पर लापरवाही लगाते हुए NH 730 सदर कोतवाली के सामने फरेंदा महाराजगंज मार्ग को जाम कर दिया. परिजनों का आरोप है कि जब तक मौके पर मुख्यमंत्री ना आ जाए तब तक वह इसी तरह मार्ग जाम किए रहेंगे. वहीं, पुलिस प्रशासन परिजनों को मनाने की मिन्नतें कर रहे हैं.