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नए साल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देंगे वाराणसी को सौगात बन रहा भव्‍य रुद्राक्ष

बाबा विश्‍वनाथ की धरती वाराणसी में जल्‍द ही कन्‍वेंशन सेंटर की अलौकिक छटा देखने को मिलेगी. रुद्राक्ष नाम के इस कन्‍वेंशन सेंटर में अब सैलानी गीत संगीत, नाटक और प्रदर्शनियों का लुत्‍फ उठा सकेंगें.

नगर आयुक्त गौरांग राठी ने बताया कि जापान और भारत की दोस्‍ती वाराणसी को ऐसे नायाब तोहफे से नवाजेंगें जिसके सभी कायल रहेंगे. साल 2015 में जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान के प्रधानमंत्री शिंजो के साथ आए थे तब ही इस भव्‍य कन्‍वेंशन सेंटर की नींव पड़ गई थी. अद्भुत काशी की झलक लिए इस कन्‍वेंशन सेंटर का नाम भी रुद्राक्ष है. इस कन्‍वेंशन सेंटर में 108 रुद्राक्ष के दानों को जड़ा गया है जो इसको और भी भव्‍य बनाता है.

बता दें कि तीन एकड़ में बनने वाले कन्‍वेंशन सेंटर की लागत 186 करोड़ है. इस कन्‍वेंशन सेंटर में ग्राउंड फ्लोर, प्रथम तल से लेकर एक विशाल हॉल होगा. जिसमें वियतनाम से मंगाई गई बेहतरीन कुर्सियों पर 1,200 लोग एक साथ बैठकर कार्यक्रम का लुत्‍फ उठा सकेंगे.

रुद्राक्ष में 120 गाड़ियों की पार्किंग बेसमेंट में हो सकती है. दिव्यांगों के लिए यहां विशेष इंतज़ाम किए गए हैं जिसके तहत दोनों दरवाजों के पास 6 -6 व्हील चेयर का इंतजाम है. आधुनिक ग्रीन रूम भी बनाया गया है जिसमें 150 लोगों की क्षमता वाले दो कॉन्‍फ्रेंस हॉल व गैलरी भी शामिल हैं जो दुनिया के आधुनिकतम उपकरणों से लैस है।

रुद्राक्ष को तैयार करने का पूरा काम जापान की फुजिता कॉर्पोरेशन नाम की कंपनी कर रही है. जापानी कंपनी इंटरनेशनल कार्पोरेशन एजेंसी द्वारा रुद्राक्ष की फंडिग की गई है. इस भव्‍य इमारात को डिजाइन भी जापान की कंपनी ओरिएण्टल कंसल्टेंट ग्लोबल ने किया है.

रुद्राक्ष में जैपनीज़ गार्डन होगा और 110 किलोवाट की ऊर्जा के लिए सोलर प्लांट लगाया गया है. यहां पर वीआईपी रूट और उनके आने का रास्ता भी अलग है.

बाबा शिव की नगरी काशी में बन रहा भव्‍य 'रुद्राक्ष', नए साल में PM मोदी  देंगे सौगात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी को नए साल में नई सौगात देंगें. रुद्राक्ष का निर्माण कार्य साल 2018 में शुरू हुआ जो साल 2021 में पूरा हो जाएगा. इस कन्‍वेंशन सेंटर को सुविधाओं से लैस रखने के लिए विदेशी कंपनियों के उपकरणों को लगाया जा रहा है.

रुद्राक्ष को वातानुकूलित रखने के लिए इसमें इटली के उपकरणों को लगाया गया है. निर्माण और उपयोग की चीजों को देखते हुए इसको ग्रीन रेटिंग फॉर इंटीग्रेटेड हैबिटेट असेसमेंट की ओर से तीसरी ग्रेडिंग मिली है.

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