उत्तर गुजरात में सागर डेयरी के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व गृहमंत्री विपुल चौधरी को डेयरी में करोड़ों की वित्तीय गड़बड़ी व पद के दुरुपयोग के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। चौधरी के मुताबिक, यह मामला महाराष्ट्र को दान में भेजे गए 22 करोड़ के पोषाहार से जुड़ा है, यह कोई भ्रष्टाचार नहीं है। पुलिस ने कोर्ट से उनका 14 दिन का रिमांड मांगा है। सीआइडी क्राइम गांधीनगर ने बताया है कि दूध सागर डेयरी के पूर्व अध्यक्ष विपुल चौधरी, वर्तमान अध्यक्ष आशा ठाकोर, उपाध्यक्ष मोघजी ठाकोर, प्रबंध निदेशक व अन्य 30 अधिकारियों ने मिलकर डेयरी के 1932 कर्मचारियों को अतिरिक्त बोनस के रूप में करीब 15 करोड़ रुपये देकर आधी से अधिक रकम विपुल चौधरी के खाते में जमा करा ली।
भगवान भाई चौधरी ने इसे डेयरी में वित्तीय गड़बड़ी व पद का दुरुपयोग बताते हुए मेहसाणा बी डिविजन पुलिस थाने में एक शिकायत दर्ज कराई। गांधीनगर क्राइम ब्रांच को मामला स्थानांतरित किए जाने के बाद क्राइम ब्रांच ने भादसं की धारा 408,409, 120-बी तथा 114 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1), (3) के तहत दर्ज कर चौधरी की धरपकड़ की गई। पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश कर 14 दिन का रिमांड मांगा है।
चौधरी गुजरात कॉऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन के भी अध्यक्ष रह चुके हैं। इस मामले में विपुल चौधरी का कहना है कि महाराष्ट्र को अकाल के दौरान निशुल्क पोषाहार भेजना कोई भ्रष्टाचार नहीं है। सहकारी ट्रिब्युनल के आदेश के अनुसार, करीब सवा ग्यारह करोड़ रुपये जमा करा दिए हैं। इसके लिए उन्हें अपनी जमीन भी गिरवी रखनी पड़ी है।
गौरतलब है कि मेहसाणा सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ के चेयरमैन रहते विपुल चौधरी ने वर्ष 2013 में महाराष्ट्र को बिना मूल्य करीब 22,50 करोड़ रुपये का सागरदाणा (पोषाहार) महाराष्ट्र को भेजा था। वर्ष 2014 में सहकारी रजिस्ट्रार के यहां शिकायत की गई तो रजिस्ट्रार ने चौधरी को जनवरी, 2015 में एक नोटिस जारी किया गया। इस पर जुलाई, 2018 में सहकारी ट्रिब्यूनल ने रोक लगाते हुए चौधरी को अक्टूबर, 2018 तक नौ करोड़ 10 लाख रुपये जमा कराने का आदेश दिया। चौधरी का कहना है कि वे अपनी जमीन के बदले पैसा एकत्र कर अब तक 11 करोड़ 25 लाख रुपये जमा करा चुके हैं।
सागर डेयरी के चुनाव पांच जनवरी को
उत्तर गुजरात की सबसे बड़ी दूध सागर डेयरी से करीब पांच लाख 20 हजार पशुपालक जुड़े हुए हैं। इसका सालाना टर्न ओवर 4254 करोड़ रुपये का होता है। आगामी पांच जनवरी को इसके चुनाव होने हैं। विपुल चौधरी फिर से डेयरी के चेयरमैन बनने की कोशिश में हैं, लेकिन उससे पहले ही डेयरी में अनियमितता व भ्रष्टाचार के मामले में उनकी धरपकड़ हो गई।