शिवराज सिंह चौहान ने जानकारी दी की 24 घंटे में मिल गया किसानो को न्याय
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली से सटी सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं. आज उनके आंदोलन का 19वां दिन है. ये किसान नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हैं. वहीं सरकार इन कृषि कानूनों को किसानों का हितैषी बता रही है.
अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक खास जानकारी दी है. उनके अनुसार होशंगाबाद के एक किसान के लिए कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग बेहद अच्छी साबित हुई. उसे 24 घंटे में न्याय मिला और कंपनी ने उससे अधिक मूल्य पर धान खरीद भी की. इसका एक वीडियो शिवराज सिंह चौहान के आफिस के ट्विटर हैंडल पर डाला गया है.
यह मामला मध्य प्रदेश के होशंगाबाद का है. वहां किसान कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करते हैं. जानकारी दी गई है कि पहले दिल्ली की एक कंपनी फॉर्चून राइस लिमिटेड ने वहां के किसानों से बाजार के अधिक मूल्य पर धान खरीदने के लिए कॉन्ट्रैक्ट किया था.
कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए कि उसने सदैव केवल किसानों के नाम पर राजनीति की, उन्हें छला, धोखा दिया और और आज भी वही कर रही है।
देश में नया कृषि कानून आने के बाद किसानों की समृद्धि के लिए नये द्वार खुल गये हैं। किसानों की आय दोगुनी होगी और उनकी समृद्धि से देश सशक्त होगा।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 13, 2020
लेकिन जब धान की कीमत 3 हजार रुपये प्रति क्विंटल पहुंची तो कंपनी ने खरीद बंद दी. कंपनी की ओर से किसानों से भी संपर्क नहीं रखा गया. इसके बाद गांव के दो किसानों पुष्पराज पटेल और बृजेश पटेल ने 10 दिसंबर को उपजिलाधिकारी को शिकायत की और न्याय मांगा. इसके बाद नए कृषि कानून के तहत बातचीत के लिए सुलह बोर्ड का गठन किया गया.
पिपरिया के ग्राम पनारी के कृषक अभिषेक ठाकुर को नये कृषि कानून का लाभ मिला है। उन्होंने फॉर्चून कंपनी से करार किया,लेकिन बाजार मूल्य बढ़ने पर कंपनी ने खरीदी बीच में रोक दी।
नये कानून के तहत कंपनी पर कार्रवाई हुई और अभिषेक को न्याय मिला। उन्होंने इसे किसानों के लिए उपयोगी बताया। pic.twitter.com/DzUv0ghI0v
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) December 12, 2020
जिला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया और दिल्ली की कंपनी फॉर्चून राइस लिमिटेड को 24 घंटे के अंदर जवाब देने को कहा गया. एसडीएम कोर्ट ने समन जारी कर दिया था. इस पर कंपनी के डायरेक्टर अजय भलोटिया कोर्ट में हाजिर हुए और उन्होंने कॉन्शुलेशन बोर्ड के सामने 9 दिसंबर के उच्चतम दर पर धान खरीद स्वीकार की.