अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की नर्स यूनियन गई अनिश्चितकालीन हड़ताल
देश की राजधानी दिल्ली में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की नर्स यूनियन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई हैं. इसमें छठे केंद्रीय वेतन आयोग के प्रस्तावों को मानने की भी मांग है.
हालांकि एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा कि महामारी के इस दौर में सच्चे नर्सिंग कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकते. नर्स यूनियन को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर नहीं जाना चाहिए.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नर्स यूनियन का कहना है कि जब तक उनकी मांगें मानी नहीं जाएंगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी. साफ है कि एम्स के निदेशक की अपील का असर फिलहाल नर्स यूनियन पर दिखाई नहीं दे रहा है. वहीं, नर्स यूनियन के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से अस्पताल में भर्ती किए गए मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है.
It's unfortunate the union has gone on a strike now, only a few months from when a vaccine will provide the solution. I appeal to all nurses & nursing officers to not go on strike & come back & work and help us get through the pandemic: Dr Randeep Guleria, Director, AIIMS Delhi https://t.co/IuOW2o1n8j pic.twitter.com/F6CQFF97TI
— ANI (@ANI) December 14, 2020
हालांकि एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि नर्स यूनियन की प्रमुख 23 मांगें हैं जो सरकार और एम्स प्रशासन ने मान ली हैं. इसमें उनकी एक प्रमुख मांग छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करना है.
इसके अलावा उन्होंने नर्स यूनियन से अपील की कि वह हड़ताल खत्म कर काम पर लौटें और महामारी से लड़ने में हमारी मदद करें. साथ ही डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि नर्स यूनियन को न सिर्फ एम्स प्रशासन बल्कि सरकार भी समझा चुकी है