अखिलेश यादव ने बताया उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए ये फॉर्मूला
उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं. सभी बड़े दलों की नजर इस बार छोटे दलों पर है. समाजवादी पार्टी ने भी इस बार बड़े दलों के साथ गठबंधन न करके छोटे दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इसकी पुष्टि खुद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने की.
सोमवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बड़ी पार्टियों से गठबंधन को लेकर हमारा बुरा अनुभव रहा है, इस वजह से हम इस बार छोटे दलों के साथ गठबंधन करेंगे. हाल में ही सपा ने महान दल के साथ हाथ मिलाया है और उपचुनाव में राष्ट्रीय लोकदल के लिए एक सीट छोड़ी थी, जिसके यह संकेत हैं कि आगे भी वह अजित सिंह के साथ तालमेल कर सकते हैं.
लोकसभा चुनाव में जनवादी पार्टी के संजय चौहान, सपा के चुनाव निशान पर चंदौली में चुनाव लड़कर हार चुके हैं और वह भी अखिलेश यादव के साथ सक्रिय हैं. इसके अलावा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाने वाले अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव की सीट पर 2022 में प्रत्याशी न उतारने की बात कह कर साफ कर चुके हैं कि उन्हें भी अडजस्ट किया जा सकता है.
आपको बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव, कांग्रेस के साथ समझौता कर चुनाव मैदान में उतरे थे और अपनी सत्ता गवां दी थी. इसके बाद 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में अखिलेश ने मायावती के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा, लेकिन सपा को बहुत लाभ नहीं मिला.
लोकसभा चुनाव में सपा सिर्फ पांच सीटों पर ही रह गई, लेकिन 2014 में एक भी सीट न जीतने वाली बसपा को 2019 में 10 सीटें जरूर मिल गईं. यही वजह है कि अखिलेश अब बड़े दलों के बजाय छोटे दलों के साथ चुनाव लड़ने के फॉर्मूले पर चल रहे हैं.