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आगरा में मेट्रो चलने से पहले ही घिर गई विवादों में जाने क्या है पूरा मामला ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस आगरा मेट्रो रेल परियाजना का वर्चुअल शिलान्यास किया था वह अब विवादों में घिर गई है. मेट्रो परियोजना को लेकर पूर्व एमएलसी एवं वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेश चंद गुप्ता उर्फ बच्चू बाबू ने कोर्ट में वाद दायर किया है.

पूर्व एमएलसी ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दायर किए गए वाद में मंडलायुक्त आगरा, डीएम आगरा, पीएसी कमांडेंट और मेट्रो परियाेजना को पक्षकार बनाया है. अदालत ने पक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए पत्रावली पर 22 दिसंबर को सुनवाई की तारीख तय की है.

पूर्व एमएलसी सुरेश चंद गुप्ता ने अपने पक्षकार श्री ठाकुर रंगजी विराजमान मंदिर वृ्ंदावन मथुरा की ओर से यह वाद दायर किया है. पूर्व एमएलसी का कहना है कि मजरा संख्या एक जिसमें पीएसी की जमीन भी आती है, उसके मालिक रंगजी महाराज हैं. उक्त भूमि पर राज्य सरकार व उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन द्वारा निर्माण करने का उनकी अनुमति के बिना अधिकार नहीं है.

पूर्व एलएलसी का आरोप है कि पीएसी ने छल कपट से मंदिर की भूमि गाटा संख्या 257 पर गाटा संख्या 157 दर्ज करा ली है. जबकि आठ अगस्त 1990 को ही अपर जिलाधिकारी की अदालत ने इसे अनुचित बताया था. इसके बावजूद पीएसी द्वारा प्रार्थना पत्र देकर मामले को टाला जा रहा है. जबकि उनके विरुद्ध कई आदेश पारित हो चुके हैं.

उन्होंने बिना मंदिर की अनुमति के उक्त भूमि पर निर्माण काे अनुचित बताते हुए रंगजी मंदिर ने स्टे के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुए कार्य रुकवाने का आग्रह किया है. जिसके बाद सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट ने पक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए पत्रावली पर सुनवाई के लिए 22 दिसंबर की तारीख तय की है.

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