कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर योगी आदित्यनाथ ने दिया बड़ा बयान कहा। ….
कोविड-19 प्रबंधन को लेकर दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और यूपी की योगी सरकार के बीच सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि दिल्ली की तुलना में यूपी में कोविड-19 से कम मौतें हुई है.
सीएम योगी ने कहा है कि कोविड के संक्रमण को हर स्तर पर तोड़ना है. उन्होंने कहा है कि देश के अंदर सबसे बड़ा राज्य होने के बावजूद यूपी ने कोविड प्रबंधन में पूरे देश में सबसे बेहतर परिणाम दिया है.
सीएम योगी ने कहा कि कोविड प्रबंधन में पीएम मोदी के मार्गदर्शन में कोविड की रोथथाम के लिए प्रयास किए गए. दो महीने पहले जहां यूपी में 68 हजार कोविड पॉजिटिव मरीज थे. वहीं आज 18 हजार से भी कम कोविड पॉजिटिव मरीज प्रदेश में है. सीएम योगी ने कहा है कि देश के अंदर सबसे ज्यादा कोविड टेस्ट करने वाला राज्य भी यूपी बना है.
सीएम योगी ने दिल्ली से तुलना करते हुए कहा है कि यूपी की आबादी है 24 करोड़ और दस महीने में आठ हजार लोगों की मौत हुई है. जबकि दिल्ली की आबादी पौने दो करोड़ है और कोरोना से दस हजार लोगों की मौत हुई है. सीएम योगी ने कहा है कि यूपी के कोविड प्रबंधन की डब्लूएचओ भी तारीफ कर चुका है.
उन्होंने कहा है कि जिसे यूपी में कोविड प्रबंधन नहीं दिखायी देता है. उसे पब्लिक डोमेन में मौजूद जानकारी कर लेनी चाहिए।. उन्होंने कहा है ये सब पीएम मोदी के मार्गदर्शन और आम जनता के सहयोग से ही संभव हो सका है. सीएम योगी ने कहा है कि कोरोना काल में सामान्य दिनों की तुलना में भी यूपी में कम मौतें हुई है.
उत्तर प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर पहले चरण की तैयारी पूरी हो चुकी है. जानकारी के मुताबिक पहले चरण में 4.85 करोड़ लोगों को टीका लगाया जाएगा. सबसे पहले हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्करों को वैक्सीन लगाई जाएगी. इसके लिए 7.65 लाख हेल्थ केयर और 22.30 लाख फ्रंटलाइन वर्करों की लिस्ट तैयार हो चुकी. कोरोना वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत कोरोना वारियर्स से की जाएगी.
कोरोना वारियर्स के बाद मतदाता सूची से आयु निर्धारित कर प्राथमिकता तय की जाएगी. उसी के अनुसार टीकाकरण होगा. प्रदेश सरकार ने जो रणनीति तैयार की है उसके मुताबिक पहले चरण के लिए हेल्थ केयर वर्कर एवं फ्रंटलाइन वर्करों के अलावा अन्य जिन लोगों को यह वैक्सीन लगेगी, वे लोग होंगे जिनकी उम्र 50 वर्ष से कम है और वे गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं. तीसरे नम्बर पर ऐसे ही लोगों को वैक्सीन लगाया जाना है जो 50 वर्ष से अधिक उम्र के हैं और जिन्हें कोई न कोई रोग है.