हत्या के बाद से फरार आरोपी को मुंबई क्राइम ब्रांच ने पकड़ा : राजस्थान
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में एक माह पुराने हत्या के मामले में वांछित एक आरोपी को मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान 40 वर्षीय वरुण व्यास के रूप में हुई है. वो राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के सांवलियाजी राजकीय सामान्य अस्पताल में एक कैंटीन चलाता था.
मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट 12 के अधिकारियों के मुताबिक, करण मेहर नामक एक व्यक्ति अस्पताल में वरुण की कैंटीन में काम करता था. दिवाली से पहले मेहर ने अपने बकाया वेतन के लिए वरुण व्यास से संपर्क किया और छुट्टी भी मांगी. लेकिन वरुण ने उस पर कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी की और इसी बात से दोनों के बीच कहासुनी होने लगी.
कुछ देर बाद ये कहासुनी लड़ाई में बदल गई और वरुण ने मेहर को गंभीर रूप से घायल कर दिया. मेहर के शरीर पर गंभीर चोटें आई थीं. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कुछ दिनों बाद उसने इलाज के दौरान ही दम तोड़ दिया. उसकी मौत के बाद वरुण व्यास के खिलाफ चित्तौड़गढ़ के सदर पुलिस स्टेशन में हत्या का मामला दर्ज किया गया था. तभी से वरुण फरार चल रहा था.
चित्तौड़गढ़ के पुलिस अधीक्षक ने वरुण व्यास की सूचना देने वाले को नकद इनाम देने की घोषणा भी की थी. इसी दौरान मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट 12 के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर महेश तावड़े को जानकारी मिली कि राजस्थान का वांटेड वरुण व्यास अपनी पहचान छिपाकर मुंबई की मीरा रोड पर डेरा डाले हुए है. तावड़े को इनपुट मिला कि वरुण व्यास मंगलवार को दहिसर चेक पोस्ट से गुजरेगा.
इसी के आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम ने चेक पोस्ट पर जाल बिछाया. कुछ देर बाद एक बोलेरो आरजे-09 यूबी 6999 चेक पोस्ट की तरफ आती दिखाई दी. पुलिस ने वरुण को गाड़ी रोकने का इशारा किया, लेकिन वह भागने की कोशिश करने लगा. तभी टीम ने उसका पीछा किया और उसे थोड़ी दूरी पर जाकर पकड़ लिया.
सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर महेश तावड़े के मुताबिक प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि वरुण एक हिस्ट्रीशीटर है, जो 2001 से 2005 के बीच मुंबई में रहा था. तब वो फिल्मों में काम करने की कोशिश कर रहा था. उसके खिलाफ मुंबई में चार मामले दर्ज थे, जबकि एक रायगढ़ में और एक बैंगलोर में भी दर्ज था. अब आगे की जांच के लिए वरुण को राजस्थान पुलिस के हवाले कर दिया गया है.