दिल्ली में झोपड़ी में रह रहे लोगों के लिए बन चुके फ्लैट का जल्द हो आवंटन : अरविंद केजरीवाल
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दिल्ली सरकार राज्य में रहने वाले बेघर लोगों के लिए जल्द ही फ्लैट आवंटन की प्रक्रिया शुरू करेगी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस संबंध में अपने घर पर शहरी विकास मंत्री सतेंद्र जैन और डूसिब के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की. सीएम ने डूसिब को निर्देश दिया कि अभी तक जितने फ्लैट बन चुके हैं, उन फ्लैट्स को पात्र झुग्गी में रह रहे लोगों को जल्द से जल्द आवंटित कर दिया जाए.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि झुग्गी में रहने वाले लोगों को हर हाल में पांच किलोमीटर के दायरे में ही फ्लैट बना कर दिए जाएं. यदि कहीं पर जमीन प्राप्त करने में अड़चन आ रही है, तो उन सभी बाधाओं को शीघ्र दूर किया जाए और जल्द से जल्द जमीन चयन की प्रक्रिया पूरी की जाए, ताकि बेघर लोगों को ‘जहां झुग्गी, वहीं मकान’ जल्द से जल्द दिया जा सके.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ‘जहां झुग्गी, वहीं मकान’ पॉलिसी दिल्ली सरकार की प्रमुख पॉलिसी में से एक है. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि बेघर लोगों के लिए फ्लैट्स का निर्माण समय सीमा के अंदर पूरा कर लिया जाए, ताकि उन्हें आश्रय प्रदान किया जा सके. साथ ही किसी कीमत पर झुग्गी से पांच किलोमीटर के दायरे में ही मकान मिले.
इससे पहले मुख्यमंत्री ने नवंबर महीने में शहरी विकास मंत्री और डूसिब अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी. उस दौरान डूसिब के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के सामने बेघर लोगों को फ्लैट बना कर देने से लेकर उसमें शिफ्ट करने तक का पूरा खाका पेश किया था. सीएम अरविंद केजरीवाल ने बेघर लोगों को फ्लैट में शिफ्ट करने की योजना को मूर्त रूप देने देने के लिए स्पष्ट दिशा निर्देश दिए थे.
बेघर लोगों के लिए तीन चरणों में 89,400 फ्लैट बनाने का निर्णय लिया गया है. यह फ्लैट 237 एकड़ भूमि में बनाए जाएंगे. दिल्ली सरकार पहले चरण में 41,400 फ्लैट बनाएगी. यह 41,400 फ्लैट दिल्ली सरकार के पास वर्तमान में उपलब्ध खाली जमीन पर बनाए जाएंगे. दूसरे चरण में 18,000 फ्लैट बनाए जाएंगे.
इसके लिए दिल्ली सरकार के पास जो जमीन उपलब्ध है, अभी उस जमीन का लैड यूज दूसरी कटेगरी में है, इसलिए सरकार एमसीडी से पहले उस जमीन का लैंड यूज बदलवाएगी और इसके बाद इन फ्लैट्स का निर्माण कराएगी.
वहीं, दो चरणों में तैयार किए गए 59,400 फ्लैट में पहले बेघर लोगों को शिफ्ट किया जाएगा. उनके शिफ्ट होने के बाद जो जमीन खाली होगी, उसमें तीसरे चरण के तहत 30,000 फ्लैट बनाए जाएंगे.
तीनों चरण में फ्लैट निर्माण का कार्य 2022 से 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा. डूसिब की खाली भूमि पर ईडब्ल्यूएस फ्लैटों का निर्माण किया जाएगा. पहले चरण में 41,400 ईडब्ल्यूएस फ्लैट बनाए जाएंगे. इसके लिए डूसिब के पास 221 एकड़ भूमि उपलब्ध है, जिसमें से वर्तमान में 115 एकड़ भूमि पर ईडब्ल्यूएस फ्लैटों का निर्माण करने के लिए विचार किया गया है.
सावधा घेरवा में भी 106 एकड़ जमीन है, जिसे बाद में ले लिया जाएगा. यह भी निर्णय हुआ है कि फ्लैटों के निर्माण के लिए जल्द से जल्द आर्किटेक्ट कंसल्टेंट की नियुक्ति की जाएगी. आर्किटेक्ट कंसल्टेंट की नियुक्ति जल्द करने का निर्देश दिया गया है
ताकि योजना को गति दी जा सके. इसके बाद प्रस्तावित फ्लैटों की ले-आउट योजनाओं की स्वीकृति दी जाएगी. यह सभी फ्लैट बहुमंजिला होंगे. इसका एफएआर 400 और प्रति हेक्टेयर घनत्व 900 डीयू होगा.
प्रत्येक 8000 घरों में पांच अलग-अलग टेंडर होंगे. ईपीसी अनुबंध और काम के आवंटन के लिए निविदाएं ली जाएंगी. यह प्रक्रिया 31 मार्च 2021 तक पूरा कर ली जाएगी. जिस एजेंसी को फ्लैट निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी
उसे अनुबंध के 24 महीने यानि 31 मार्च 2023 तक निर्माण कार्य पूरा करना होगा. इन फ्लैटों की अनुमानित लागत करीब 3312 करोड़ रुपए है और प्रत्येक फ्लैट को बनाने में करीब 8 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे.