संत बाबा रामसिंह का निधन संत समाज के लिए अपूरणीय क्षति : मनोहर लाल खट्टर
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा संत बाबा रामसिंह जी का निधन संत समाज, देश, राज्य और मेरे लिए अपूरणीय क्षति है. यह अत्यंत दुख का क्षण है, बाबा जी की आत्मा, परमात्मा में विलीन हो.
हम उनके दिखाए मानव-कल्याण के मार्ग पर चलने को संकल्पित हैं, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा ग्रामीण इकनॉमी को बल मिले और किसानों को अतिरिक्त आमदनी हो इसलिए खादी एंड विलेज इंडस्ट्रीज कमीशन के माध्यम से हम जल्द ही गाय के गोबर से बना ‘वैदिक पेन्ट’ लॅान्च करने वाले हैं. इससे पशुधन रखने वाले किसानों को साल में 55 हजार रुपए की अतिरिक्त आमदनी होगी.
चिल्ला बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर सुरक्षा बल तैनात है। #FarmersProtests pic.twitter.com/U0V9D4XwZi
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 17, 2020
चालू खरीफ विपणन सत्र में अभी तक धान की खरीद 22 फीसदी बढ़कर 390.79 लाख टन हो गया है. इसका मूल्य 73,783.36 करोड़ रुपये है. खरीफ विपणन सत्र अक्टूबर से शुरू होता है. धान की खरीद में पंजाब ने 202.77 लाख टन का योगदान किया है.
एक सरकारी बयान में कहा गया है कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, तमिलनाडु, चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर, केरल, गुजरात, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार में धान की खरीद सुचारू रूप से जारी है.
The SC can and must decide on the constitutionality of the 3 farm acts. But it is not for the judiciary to decide on the feasibility and desirability of these laws. That's between the farmers and their elected leaders. SC monitored negotiation would be a wrong path. https://t.co/oZF23NyolI
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) December 16, 2020
स्वराज इंडिया के नेता योगेन्द्र यादव ने ट्विटर पर कहा है उच्चतम न्यायालय तीनों कृषि कानूनों की संवैधानिकता तय कर सकता है और उसे ऐसा करना चाहिए. लेकिन इन कानूनों की व्यवहार्यता और वांछनीयता को न्यायपालिका तय नहीं कर सकती है. यह किसानों और उनके निर्वाचित नेताओं के बीच की बात है. न्यायालय की निगरानी में वार्ता गलत रास्ता होगा